Lok Sabha Election 2019: पाटीदार आरक्षण आंदोलन से उभरे कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की एक चुनावी रैली में जमकर हंगामा हुआ। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के एक धड़े के सदस्यों ने गुजरात के अहमदाबाद के निकोल इलाके में कथित तौर पर शनिवार को रैली में व्यवधान डाला।हार्दिक पटेल की सभा में जमकर कुर्सियां चली, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है। हार्दिक अहमदाबाद पूर्व सीट से कांग्रेस उम्मीदवार गीता पटेल के समर्थन में प्रचार कर रहे थे। इससे पहले सुरेंद्रनगर जिले के बलदाना में एक रैली के दौरान हार्दिक को थप्पड़ मारा जा चुका है।

वीडियो में दिख रहा है कि दो गुट आपस में भिड़ गए हैं। एक-दूसरे पर लात-घूसों की बौछार की जा रही है। कुर्सियां उठाकर फेंकी जा रही है। लाठियों से वार किया जा रहा है। सभा में लायी गई कई कुर्सियों को तोड़ डाला गया। हालांकि, इस दौरान वहां मौजूद पुलिस बल व अन्य लोगों ने बीच बचाव की कोशिश की। काफी मशक्कत के बाद दोनों पक्ष के लोग शांत हुए।

प्रत्यक्षदर्शी जयेश पटेल ने बताया कि पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के जेल में बंद नेता अल्पेश कठेरिया के समर्थक होने का दावा करने वाले चार से पांच लोग शनिवार की रात निकोल के विराट नगर में कार्यक्रम स्थल के पास आये और उन्हें रिहा करने के नारे लगाने लग गये। उसने कहा, ‘‘स्थल पर मौजूद हार्दिक के सदस्यों के साथ उनकी झड़प हुई और उन लोगों को रैली से बाहर ले जाया गया। मौके पर मौजूद पुलिस ने हस्तक्षेप किया और उन लोगों को यहां से ले गयी।’’

वहीं, इस पूरे घटनाक्रम पर हार्दिक ने कहा, ‘‘यह भाजपा का काम है। वे नहीं चाहते कि मैं प्रचार करूं। कल उन्होंने एक आदमी भेजा जिसने मुझे थप्पड़ मारा और आज उन्होंने रैली में व्यवधान डालने के लिये गुंडे भेजे।’’ हालांकि भाजपा नेता धनसुख भंडेरी ने हार्दिक के आरोपों को नकार दिया और कहा कि यह कांग्रेस की आंतरिक खींचतान का परिणाम है।

इससे पहले गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के एक गांव में बीते शुक्रवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करने के दौरानहार्दिक पटेल को एक व्यक्ति ने थप्पड़ मार दिया था। नाराज पटेल ने इस घटना के लिये भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि यह उनकी हत्या की कोशिश थी। वहीं, सत्ताधारी पार्टी ने हालांकि कहा कि इस घटना का उनसे कुछ लेना-देना नहीं और उन्होंने इसे कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनावों में सहानुभूति बटोरने के लिये किया गया नाटक करार दिया।

हमलावर शख्स की पहचान मेहसाणा जिले के कडी गांव के निवासी तरुण गज्जर के तौर पर हुई। रैली स्थल पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं, पटेल समर्थकों और अन्य लोगों द्वारा पीटे जाने की वजह से गज्जर को भी चोट आई थी। उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। (भाषा इनपुट के साथ)