Loksabha Election 2019: महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे पर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और बीजेपी के अन्य नेताओं पर बयान के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार (17 मई 2019) को नोटिस भेजा है। लोकसभा चुनाव के लिए रविवार को होने वाले आखिरी चरण के मतदान से पहले नेताओं के गोडसे के समर्थन में दिए बयानों से पार्टी के लिए समस्याएं खड़ी हो गई हैं।
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े और सांसद नलिन कुमार कटील ने नाथूराम गोडसे पर विवादित ट्वीट किए हैं। एनडीटीवी की एक खबर के मुताबिक शाह ने 10 दिनों के अंदर नोटिस पर जवाब मांगा है और उन्हें अनुशासनात्मक समिति के समक्ष भी पेश होना होगा।
बता दें कि कर्नाटक से पार्टी सांसद नलीन ने ट्वीट कर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तुलना नाथूराम गोडसे की है। उन्होंने कहा ‘गोडसे ने एक को मारा, कसाब (आतंकवादी) ने 72 को लेकिन राजीव गांधी ने 17000 लोगों को मारा। आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कौन ज्यादा क्रूर है।’
बता दें कि बीजेपी 1984 सिख दंगों पर कांग्रेस पार्टी को लगातार टारगेट कर रही है। इंदिरा गांधी की हत्या उनकी सुरक्षा में तैनात सिख बॉडीगार्ड ने की थी। जिसके बाद तीन दिन तक दंगे भड़के और करीब 3000 लोग मारे गए।
वहीं हेगड़े ने साध्वी प्रज्ञा के समर्थन में ट्वीट करते हुए कहा ‘ 70 साल बाद बदले हुए नजरिए में गोडसे पर बहस हो रही है। हमें उनके खिलाफ नजरिया बदलने की जरूरत है और साध्वी को माफी मांगने की जरूरत नहीं। ऐसी चर्चा से नाथूराम को खुशी हो रही होगी। ये वक्त अपनी बात रखने का है।
हालांकि विवाद बढ़ता देख दोनों नेताओं ने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया। हेगड़े ने कहा कि उनका ट्विटर अकाउंट हैक हो गया था, महात्मा गांधी के हत्यारे के लिए कोई सहानुभूति नहीं हो सकती।
साध्वी प्रज्ञा ने गुरुवार को कहा था कि गोडसे देशभक्त थे, हैं और हमेशा रहेंगे। बता दें कि नाथूराम गोडसे ने 1948 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की थी। उनके इस बयान पर बीजेपी ने किनारा कर लिया जिसके बाद साध्वी प्रज्ञा ने अपने बयान पर माफी मांग ली।
दरअसल, अभिनेता से नेता बने मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) संस्थापक कमल हासन ने यह कह कर नया विवाद खड़ा कर दिया है कि आजाद भारत का पहला आतंकवादी हिंदू था। यह बात उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के संदर्भ में कही थी।