Lok Sabha Election 2019: कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने मंगलवार (26 मार्च) को एक वीडियो जारी कर दावा किया कि नोटबंदी के बाद भी 40 फीसदी कमीशन के बदले नोट बदले गए। इस ‘घोटाले’ के जरिए देश की आम जनता का पैसा लूटा गया, जो देशद्रोह है। विपक्षी दलों के साझा संवाददाता सम्मेलन में जो वीडियो जारी किया गया उसमें यह कथित तौर पर दिखाया गया है कि नोटबंदी के बाद अहमदाबाद के निकट भाजपा के एक कार्यकर्ता ने पांच करोड़ रुपये मूल्य के चलन से बाहर हो चुके नोट बदले। इसके लिए 40 फीसदी कमीशन लिया गया।

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस वीडियो की जिम्मेदारी लेने अथवा इसे सत्यापित करने से इनकार करते हुए कहा कि यह वीडियो एक समाचार पोर्टल से डाउनलोड किया गया है। संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल, राजद के मनोज झा एवं लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव तथा कुछ अन्य विपक्षी नेता मौजूद थे।

सिब्बल ने कहा, ‘‘यह वीडियो सवाल उठाता है कि जब देश की आम जनता कुछ हजार रुपये के लिए मुश्किल का सामना कर रही थी तो उस वक्त गुजरात में भाजपा के कार्यकर्ता के पास इतने पैसे कहां से आए?’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश को फैसला करना है कि चौकीदार कौन है और चोर कौन है? यह भी तय करना है कि देशभक्त कौन है और देशद्रोही कौन है?’’ एक सवाल के जवाब में सिब्बल ने कहा, ‘‘यह देशद्रोह किया गया है। आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। हमारी सरकार बनने पर हम इसकी जांच कराएंगे।’’

विपक्ष के इस दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री और भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा, ‘‘संप्रग का फर्जीवाड़े का कारवां बढ़ता जा रहा है। बीएसवाई की फर्जी डायरी के बाद एक फर्जी स्टिंग। जब असली मुद्दे नहीं हों तो फर्जीवाड़े पर भरोसा करें।’’ जेटली ने कहा कि लंदन में ईवीएम पर खुलासे का विफल प्रयास करने वाला और संप्रग के आज के फर्जी स्टिंग के पीछे क्या एक ही शख्स है।

पिछले सप्ताह कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने 1800 करोड़ रुपये तक की रिश्वत दी और अपने दावे के समर्थन में कहा कि उनकी डायरी आयकर विभाग के कब्जे में है।
जनवरी में लंदन में कुछ पत्रकारों ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया था और दावा किया था कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है।