Loksabha election 2019: कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा देने के बाद शिवसेना का दामन थाम लिया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए पार्टी को ‘गुंडो की पार्टी’ करार दिया। उन्होंने कहा कि उनसे बदतमीजी करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रियंका के मुताबिक जिन लोगों ने मेरे खिलाफ अभद्रता की उन्हें फिर से पार्टी में शामिल कर लिया गया और तर्क दिया गया कि अभी चुनाव में सबकी जरूरत है।

बता दें कि कुछ समय पहले प्रियंका चतुर्वेदी उत्तर प्रदेश के मथुरा में राफेल विमान सौदे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने आई थीं। उनका आरोप है कि इस दौरान पार्टी के ही कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदतमीजी की। पार्टी के संज्ञान में आते ही उन सभी कार्यकर्ताओं को पार्टी से निकाला दिया था लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के कहने पर उन्हें फिर से पार्टी में जगह दे दी गई। कार्यकर्ताओं को वापस लाने की बात खुद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक चिट्ठी जारी कर इस पूरी घटना का जिक्र किया है। इंडियन एक्सप्रेस ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से बात की और इस मुद्दे पर उनके विचार जानें।

प्रताप सिंह, 71: मथुरा लोकसभा संसदीय क्षेत्र के छाता विधानसभा से विधायर रहे चुके हैं। उनके पिता राम हेत सिंह जो कि आजादी की लड़ाई में शामिल थे वह भी इस क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके हैं। फिलहाल सिंह यूथ कांग्रेस नेता हैं। और उनके दो बच्चे एमएनसी में काम करते हैं। सिंह ने कहा ‘हम पर गुंडागर्दी का इलजाम लगा दिया गया। हमने प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान उनसे मुलाकात की थी और क्षेत्र में चल रही गुटबाजी की समस्या पर उनसे बात की। और उन्होंने मेरी बात भी सुनी। उसके बाद क्या हुआ मुझे नहीं पता लेकिन मेरा नाम भी शामिल कर लिया गया। कांग्रेस मेरे खून में शामिल है…मुझे पूरा यकीन है कि वह मुझे नहीं पहचानेंगी।

अशोक सिंह, 50: मथुरा जिला कांग्रेस कमेटी के प्रेसिडेंट और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं। अशोक सिंह के दादा ठाकुर चकलेश्वर सिंह 1971 में मथुरा से सांसद रह चुके हैं। सिंह फिलहाल मथुरा से कांग्रेस के उम्मीदवार महेश सिंह के प्रस्तावक भी रह चुके हैं। पार्टी की मथुरा इकाई में गुटबाजी के बाद यूपी के कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर ने 2017 विधानसभा चुनाव से पहले सिंह को जिला कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था। उन्होंने कहा कि ‘हम पार्टी के लिए काफी लंबे समय से काम कर रहे हैं। वह (चतुर्वेदी) हमारी बहन जैसी हैं। जब वह यहां प्रेस कान्फ्रेंस करने आई थीं तो हमने सिर्फ उनके सामने अपनी बात रखी थी और फिर हम वहां से चले गए थे। उन्होंने आगे कहा ‘प्रियंका चतुर्वेदी का शिवसेना में शामिल होने से हैरान नहीं हूं। वह मथुरा से ताल्लुक रखती हैं उनके कई रिश्तेदार यहीं रहते हैं और संघ से जुड़े हुए हैं।’

यातेन मकदम, 33: मथुरा जिला युवा कांग्रेस के प्रेसिडेंट और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं। 25 दिन पहले ही उन्हें युथ कांग्रेस का प्रेसिडेंट नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा नियमों के मुताबिक, जिला और राज्य की कांग्रेस कमेटी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य को निलंबित नहीं कर सकती। ऐसा तभी संभव है जब नेशनल यूथ कांग्रेस की तरफ से निर्देश दिए जाए। अन्य नेताओं की तरह उन्होंने भी प्रियंका से बदतमीजी में खुद को जबरन फंसा हुआ बताया। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के पूरे मामले पर नजर डालने के बाद मुझे फिर से सभी पदों पर सक्रिय कर दिया गया।

प्रवीण ठाकुर, 28: नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) की पश्चिमी क्षेत्र राज्य इकाई के महासचिव हैं। एनएसयूआई कांग्रेस का छात्र संगठन है जो कि यूपी में 4 जोन में बंटा हुआ है। मथुरा एनएसयूआई के पूर्व जिला अध्यक्ष ठाकुर ने इस मामले पर कहा कि ‘मुझे 2 महीने पहले पश्चिमी क्षेत्र का महासचिव बनाया गया था। वह हमारी बहन जैसी हैं। मैं प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान अशोक सिंह और यातेन जी के साथ मंच ही मौजूद था। इस दौरान मैंने उनसे सेल्फी की इच्छा जताई और मैंने उनके साथ सेल्फी भी ली। किसी तरह की बदतमीजी का सवाल नहीं उठता। वह पार्टी के बड़े चेहरों में से एक थीं।

वहीं पार्टी के मथुरा के पूर्व विधायक और कांग्रेस के पूर्व विधायक दल के नेता प्रदीप माथुर ने कहा ‘उनके साथ बदतमीजी हुई है या नहीं मैं इस विवाद में नहीं पड़ना चाहता। किसने ऐसा किया और किसने नहीं। लेकिन मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि उन्होंने हड़बड़ी में पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है।’