Lok Sabha Elections 2019: चुनाव आयोग ने सात चरणों में आम चुनाव कराने की घोषणा कर दी है। इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख चेहरे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देशभर में विपक्षी दलों के गठबंधन के बीच मुकाबले का मंच सज गया है। परिणाम क्या होंगे, यह तो 23 मई को पता चलेगा मगर 2014 के पिछले आम चुनाव के बाद देश में हुए 27 विधानसभा चुनावों का आंकलन करने पर एक रोचक बात निकलकर आती है कि कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी को लोगों ने दूसरी बार भी वरीयता दी।
वैसे लोकसभा और विधानसभा चुनाव का गणित अलग-अलग होता है, पर 27 राज्यों में हुए मतदान के आंकड़े दिखाते हैं कि बीजेपी, कांग्रेस से आगे रही। कांग्रेस को मिले मतों की संख्या बढ़ी, मगर फिर भी वह बीजेपी से पीछे रह गई। इन राज्यों में बीजेपी के वोटों में थोड़ी कमी आई और कांग्रेस को उससे ज्यादा ही बढ़त हासिल हुई। लेकिन 2014 के बाद 27 राज्यों के चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस से 25 फीसदी ज्यादा वोट मिले।
2014 लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को देशभर में 16.95 करोड़ वोट (31 प्रतिशत से ज्यादा) मिले थे, जबकि कांग्रेस को 10.6 करोड़ वोट (20 प्रतिशत से कम) हासिल हुए। उसके बाद हुए 27 राज्यों के चुनावों में बीजेपी को 15.5 करोड़ से ज्यादा (28.5 प्रतिशत से ज्यादा) मत मिले जबकि कांग्रेस को 12.2 करोड़ से थोड़ा कम (22.2 प्रतिशत से कम) वोट मिले।
इसका मतलब यह है कि 3.3 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं (6 प्रतिशत) ने 2014 लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के मुकाबले भाजपा को वरीयता दी। हालांकि जब इस आंकड़े की तुलना 2014 के लोकसभा चुनाव से की गई तो बीजेपी को इन 27 राज्यों में 90 लाख से ज्यादा मतों का नुकसान होने की बात सामने आई। जबकि कांग्रेस को 200 लाख वोटर्स का फायदा हुआ। दूसरे शब्दों में कहें तो 2014 लोकसभा चुनावों में जहां इन्हीं राज्यों में बीजेपी को 16.4 करोड़ वोट मिले थे, विधानसभा चुनावों में उसे 15.5 करोड़ वोट ही मिले। जबकि 2014 में लगभग 10 करोड़ मतों के मुकाबले बाद में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 12.2 करोड़ वोट हासिल हुए।
अगर सिर्फ पिछले दो लोकसभा चुनावों की बात करें तो 2009 में बीजेपी का वोट शेयर 19 प्रतिशत था, जो 2014 में बढ़कर 31 प्रतिशत से ज्यादा हो गया। कांग्रेस को 2009 में 28 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे, पर 2014 में उसे लगभग 19 फीसदी वोट ही हासिल हो सके। संख्या के आधार पर देखें तो 2009 में कांग्रेस को 11.9 करोड़ से ज्यादा वोट मिले, जबकि 2014 में यह आंकड़ा 10.6 करोड़ से ज्यादा पर ही अटक गया। दूसरी तरफ, बीजेपी 2014 में बीजेपी को मिले वोटों की संख्या 2009 से लगभग दोगुनी हो गई। बीजेपी को 2009 में लगभग 7.84 करोड़ वोट मिले थे और 2014 में 16.95 करोड़।
फरवरी 2015 में दिल्ली और नवंबर 2015 में बिहार में हारने के बाद बीजेपी को बाकी चुनावों में फायदा हुआ। 2017 में बेहद महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश के चुनावों में बीजेपी ने अपने दम पर बहुमत हासिल कर बेहतरीन प्रदर्शन किया। हालांकि उसके बाद पार्टी को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है। 2017 के गुजरान चुनाव में भाजपा बेहद नजदीकी अंतर से जीती। 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ने पार्टी को मात दी तो मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा।