लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए के विभिन्न दलों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। यूपी के राष्ट्रीय लोकदल ने कहा है कि वह सहयोगी दलों के बीच विवाद में नहीं पड़ना चाहती है। उसका दल अपने गठबंधन धर्म को निभाएगा। राष्ट्रीय लोक दल यूपी में समाजवादी पार्टी का प्रमुख गठबंधन सहयोगी है। उसने शनिवार को आईएनडीआईए गठबंधन के भीतर पनप रहे विवाद से खुद को अलग कर लिया। रालोद के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व और अखिलेश यादव को कलह को सुलझाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पार्टी लोकसभा चुनाव में सपा के साथ खड़ी रहेगी।

राजस्थान में कांग्रेस से गठबंधन पर साफ किया अपना स्टैंड

राजस्थान में कांग्रेस के साथ गठबंधन में होने और साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने पर मीडिया ने आरएलडी से अपना रुख साफ करने को कहा तो त्रिलोक त्यागी ने कहा कि विवाद कांग्रेस और सपा के बीच है, राष्ट्रीय लोक दल के संबंध दोनों से बराबर हैं।

कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद खड़ा हुआ विवाद

इस सप्ताह जब कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की, तब से आईएनडीआईए के गठबंधन सहयोगियों के बीच कलह सामने आ गई। अखिलेश यादव ने कहा था कि पूर्व में उन सीटों को अंतिम रूप देने के लिए उनकी पार्टी के साथ विचार-विमर्श किया गया था, जहां मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन सहयोगी के रूप में सपा के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे, लेकिन बाद में कांग्रेस ने सपा को धोखा दिया।

त्यागी ने कहा कि अपने मतभेदों को सुलझाना दोनों दलों की जिम्मेदारी है और आरएलडी उत्तर प्रदेश में आने वाले लोकसभा चुनावों में अखिलेश को पहले की तरह समर्थन देना जारी रखेगा। उन्होंने कहा, ”हम अतीत में अखिलेश के साथ साझेदार के रूप में लड़े हैं और यूपी में ऐसा करना जारी रखेंगे। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए हम कांग्रेस के साथ हैं।

त्यागी ने कहा, “आईएनडीआईए गठबंधन अगले साल लोकसभा चुनाव लड़ेगा और तब तक बहुत सी बातें सामने आती रहेंगी। अन्य नेताओं पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।”

इस बीच यूपी के अन्य राजनीतिक नेताओं ने दोनों पक्षों से एकजुट होकर प्रदर्शन करने और मतभेदों को भुलाकर भाजपा के खिलाफ मिलकर लड़ने की अपील की। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के यूपी सचिव एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्य अरविंद राज स्वरूप ने कहा, “कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों भारत के प्रमुख गठबंधन भागीदार हैं। गठबंधन के सदस्यों के खिलाफ टिप्पणियां गठबंधन दलों के लिए अच्छी नहीं होंगी क्योंकि सभी दलों को मिलकर भाजपा से लड़ना होगा।”