Lok Sabha Elections 2019: नमो टीवी के संबंध में चुनाव आयोग के नोटिस के बाद समझा जाता है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने शुक्रवार (5 अप्रैल, 2019) को कहा कि यह डीटीएच सेवा प्रदाताओं द्वारा शुरू किया गया एक विज्ञापन प्लेटफॉर्म है जिसके लिए सरकारी मंजूरी की जरूरत नहीं। एक सूत्र के मुताबिक मंत्रालय ने यह भी कहा कि नमो टीवी नियमित चैनल नहीं है और यह स्वीकृत चैनलों की आधिकारिक सूची में नहीं आता। सूत्र के मुताबिक सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने चुनाव आयोग से कहा कि मौजूदा नियमों के अनुसार इस तरह के विज्ञापन प्लेटफॉर्म चलाने के लिए उससे किसी मंजूरी की जरूरत नहीं है। चुनाव से पहले किसी राजनीतिक दल को टीवी चैनल शुरू करने की अनुमति देने के मामले में चुनाव आयोग ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से विस्तृत जानकारी मांगी थी।

वहीं डीटीएच सेवा प्रदाता कंपनी टाटा स्काई ने भी शुक्रवार को पलटी मारते हुए कहा कि नमो टीवी एक विशेष सेवा चैनल है जिसकी सामग्रियां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देती है। इससे पहले कंपनी ने ट्विटर पर कहा था कि नमो टीवी एक हिंदी समाचार चैनल है जो राष्ट्रीय राजनीति की ताजा खबरें प्रसारित करता है। हालांकि आम चुनाव के माहौल में नमो टीवी चैनल का प्रसारण आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होने को लेकर विवाद बढ़ने पर कंपनी ने ट्वीट हटा दिया।

टाटा स्काई ने इसके बाद बयान जारी कर कहा, ‘‘नमो टीवी एक विशेष सेवा चैनल है जो सभी सब्सक्राइवरों के लिए उपलब्ध है। इस सेवा की सामग्रियां भाजपा मुहैया कराती है।’’ कंपनी ने पहले यह भी कहा था कि शुरुआत की पेशकश के तहत यह चैनल सभी सब्सक्राइवर के लिेए उपलब्ध है। उसने एक अन्य ट्वीट में कहा था, ‘‘किसी खास चैनल को हटाने का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर चैनल के जरिये 31 मार्च को नमो टीवी को पेश किया था। इसके लोगो में मोदी की तस्वीर लगी हुई है और इसके जरिए मोदी के भाषणों एवं रैलियों का प्रसारण किया जाता है।