Lok Sabha Elections 2019: भाजपा शासित हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट मिनिस्टर अनिल शर्मा अपने बेटे आश्रय शर्मा के खिलाफ चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। आश्रय को कांग्रेस ने मंडी लोकसभा संसदीय क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुख राम के बेटे अनिल शर्मा मंडी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक है, जो 16 अन्य विधानसभा क्षेत्रों के साथ मंडी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है। एक निर्वाचित भाजपा विधायक के रूप उनसे पार्टी के उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा के पक्ष में और कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार करने की उम्मीद की जा रही थी।
अनिल शर्मा ने बताया, ‘मैंने अपने पिता सुख राम और मेरे बेटे के 25 मार्च को कांग्रेस में शामिल होने के बाद भाजपा नेतृत्व को पहले ही बता दिया है कि अगर आश्रय को कांग्रेस ने टिकट दिया जाता है, तो मैं उनके खिलाफ प्रचार नहीं करूंगा।’ हालांकि भाजपा के राज्य प्रमुख सतपाल सिंह सत्ती ने इस मुद्दे को ज्यादा हवा ना दिए जाने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘आप (भाजपा) लोग क्यों इस मामले के पीछे पड़े हुए हुए हैं। यह उनके परिवार का मामला है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम देखेंग कि क्या करना है।’
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इसी बीच पॉवर मिनिस्टर अनिल शर्मा ने कहा कि दूसरी सीटों पर वह भाजपा के पक्ष में प्रचार करने के लिए तैयार हैं। राज्य की जय राम ठाकुर सरकार में मल्टी प्रपोज प्रोजेक्ट एंड पॉवर मिनिस्टर अनिल शर्मा 1993 और 2012 में वीरभद्र नीत कांग्रेस सरकार में भी मिनिस्टर रह चुके हैं। उन्होंने पिता सुखराम और बेटे आश्रय शर्मा के साथ मिलकर 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को हराया था।
जानना चाहिए कि सुख राम मंडी संसदीय सीट से आश्रय शर्मा को चुनावी मैदान में उतारने के लिए भाजपा नेतृत्व के साथ बातचीत कर रहे थे। हालांकि भाजपा ने मंडी से उम्मीदवार का नाम बदल दिया, जिसके बाद सुखराम और आश्रय फिर से 25 मार्च को कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस की तरफ से मंडी सीट से आश्रय की उम्मीदवारी का आश्वासन के बाद दोनों कांग्रेस में लौट आए। साल 2017 में भाजपा में शामिल होने से पहले आश्रय (33) हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सचिव थे। वह अपना चुनावी पदार्पण कर रहे हैं।