प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में अब एक और नाम शुमार हो गया है। यह नाम है उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव का। भारतीय सियासत में कहा जाता है कि दिल्ली (प्रधानमंत्री पद) का रास्ता उत्तर प्रदेश से जाता है। लोकसभा चुनाव 2019 से ऐन पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में जबर्दस्त सुर्खियों में है। दरअसल लखनऊ में ऐसे समाजवादी पार्टी के समर्थकों की तरफ से कुछ पोस्टर लगाए गए हैं जिनमें लिखा है, ‘देश में प्रदेश में विश्वास है अखिलेश में। देश को नए प्रधानमंत्री की जरूरत है।’

सोशल मीडिया पर यूं उड़ा मजाकः सपा के इस पोस्टर पर सोशल मीडिया पर जमकर तंज कसे जा रहे हैं।

38 सीटों पर लड़ रही सपाः महागठबंधन की कोशिशें नाकाम होने के बाद उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा ने हाथ मिलाया है। बसपा सुप्रीमो मायावती पहले ही प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शुमार हैं। ऐसे में लखनऊ में लगा यह पोस्टर तुरंत सियासी गलियारों में हलचल मचाने के लिए पर्याप्त है। अखिलेश यादव की पार्टी उत्तर प्रदेश में 38 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर देश में जितने भी प्रमुख क्षेत्रीय दल मैदान में हैं लगभग सभी की तरफ से प्रधानमंत्री पद की दावेदारी की जा रही है।

भाजपा का सबसे बड़ा हथियार है यह सवालः भारतीय जनता पार्टी की तरफ से इसी मसले को विपक्ष की सबसे बड़ी कमजोरी बताकर प्रचारित किया जा रहा है। हाल ही में कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में एकजुट हुए विपक्षी नेताओं पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने तंज कसा था। उन्होंने कहा था, ‘ब्रिगेड ग्राउंड में बैठे 23 नेताओं में से नौ प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं।’ विपक्ष के सामने सबसे बड़ा सवाल प्रधानमंत्री की कुर्सी का ही है। इसका जवाब फिलहाल किसी नेता से देते नहीं बन रहा।