Singhbhum Lok Sabha Chunav Result 2024: झारखंड की सबसे चर्चित सीटों में से एक सिंहभूम लोकसभा सीट का नाम है। सिंहभूम में झामुमो की जोबा माझी ने भाजपा की अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी गीता कोड़ा को 1.68 लाख मतों के बड़े अंतर से हराया। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गई थीं।

वह 2019 में राज्य में कांग्रेस की एकमात्र सांसद थीं। इस सीट पर 13 मई को वोट डाले गए थे। इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल और झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो ने राज्य की पूर्व मंत्री जोबा मांझी को यहां से मैदान में उतारा था। पिछले लोकसभा में गीता कोड़ा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर यहां से सांसद बनी थीं।

2019 लोकसभा चुनाव में गोड्डा का परिणाम (Singhbhum Lok Sabha Elections Result)

पार्टीप्रत्याशीवोट
कांग्रेसगीता कोड़ा431815
बीजेपीलक्ष्मण गिलुआ359660

2019 के लोकसभा चुनाव में सिंहभूम लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गीता कोड़ा ने बीजेपी के लक्ष्मण गिलुआ को 72155 मतों से हराया था। बता दें कि गीता कोड़ा को 431815 कुल मत मिले, जबकि बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मण गिलुआ को 359660 मत ही प्राप्त हुए. सिंहभूम लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है।

2014 लोकसभा चुनाव में गोड्डा का परिणाम (Singhbhum Lok Sabha Elections Result)

पार्टीप्रत्याशीवोट
बीजेपीलक्ष्मण गिलुआ303131
JBSPगीता कोड़ा215607

2014 चुनाव में इस सीट पर JBSP की प्रत्याशी गीता कोड़ा को हराकर बीजेपी के लक्ष्मण गिलुआ विजयी रहे थे। बीजेपी प्रत्याशी को जहां 303131 वोट मिले थे तो वहीं कोड़ा को 215607 मत हासिल हुए थे।

कौन हैं गीता कोड़ा?

गीता कोड़ा के पति मधु कोड़ा झारखण्ड के 5वें मुख्यमंत्री थे। मधु कोड़ा ने बतौर ठेका मजदूर मजदूरी की थी। इसके बाद वे मजदूर यूनियन के नेता बने। उनके पिता चाहते थे कि बेटा पुलिस में नौकरी करें लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे राजनीति का रुख किया और महज तीन निर्दलीयों के साथ मिलकर सरकार बना ली। 2006 में जब बाबूलाल मरांडी की सरकार अल्पमत में थी, तब उन्होंने कांग्रेस की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बना ली और झारखंड के 5वें मुख्यमंत्री बन गए। 2009 में जब मधु कोड़ा को भ्रष्टाचार के एक मामले में जेल जाना पड़ा तब गीता कोड़ा ने राजनीति में कदम रखा।

गीता कोड़ा पहली बार कब बनी विधायक?

जय भारत समानता पार्टी से गीता कोड़ा पहली बार विधायक बनी। इसके बाद वे 2014 में भी विधायक बनी. साल 2019 में उन्होंने कांग्रेस की सीट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

बागुन सुम्ब्रुई के नाम है यह रिकॉर्ड

सिंहभूम लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1984 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। यहां से बागुन सुम्ब्रुई सांसद चुने गए थे। इस सीट पर बागुन ने पांच बार जीत हासिल कर रिकॉर्ड बनाया है। वह रिकॉर्ड आज भी कोई तोड़ नहीं पाया है।

सिंहभूम लोकसभा सीट का इतिहास

सिंहभूम लोकसभा सीट पर 1952 में पहली बार चुनाव हुआ था। यहां से झारखंड पार्टी के कानुराम देवगम सांसद चुने गए थे। इसके बाद 1957 में शंभूशरण गोडसोरा, 1962 में हरि चरण सोय, 1967में कोलाय बिरूवा, 1971 में मोरन सिंह पुरर्ती और 1977 में झारखंड पार्टी से बागुन सुम्ब्रुई सांसद चुने गए थे। इसके बाद 1980 में बागुन सुम्ब्रुई जनता पार्टी से सांसद बने. फिर 1984 और 1989 में वह कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा पहुंचे।

1991 में कृष्णा मार्डी झारखंड मुक्ति मोर्चा से जीत दर्ज की। 1996 में भाजपा के चित्रसेन सिंकू, 1998 में कांग्रेस के विजय सिंह सोय, 1999 में भाजपा के लक्ष्मण गिलुवा ने दिल्ली का सफर तय किया। इसके बाद 2004 में बागुन सुम्ब्रुई कांग्रेस के टिकट पर एक बार फिर लोकसभा पहुंचे। वहीं 2009 में निर्दलीय प्रत्याशी मधु कोड़ा ने जीत दर्ज की थी। वहीं 2014 में भाजपा के लक्ष्मण गिलुवा और 2019 में मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस से गीता कोड़ा ने जीत दर्ज की थी।