भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह को मणिपुरी उग्रवादियों ने पहली बार चिट्ठी भेजी है। दो उग्रवादी समूहों ने अलग-अलग खतों में अपने पसंदीदा नेताओं के लिए टिकट की मांग उठाई है। कहा है कि आउटर मणिपुर संसदीय क्षेत्र से उनके मनपंसद उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतरने के लिए टिकट सौंपा जाए। ये पत्र जोमी री-यूनिफिकेशन ऑर्गनाइजेशन (जेडआरओ) और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) ने भेजे हैं, जिनमें एचएस बेंजामिन मेट को पार्टी से टिकट देने के लिए कहा गया है। मेट मौजूदा समय में बीजेपी मणिपुर इकाई के अध्यक्ष हैं। ऐसे में ऐसा पहली बार हुआ है, जब ये उग्रवादी समूह खुलकर किसी चुनावी उम्मीदवार के समर्थन में आए हैं।

जेडआरओ ने कहा है कि अगर शाह, बेंजामिन को टिकट देंगे, तब वे उनके आभारी रहेंगे। फिलहाल ये दोनों ही समूह बिल्कुल शांत हैं, क्योंकि इससे पहले इन्होंने भारत सरकार के साथ अपना ऑपरेशन रद्द करने को लेकर करार पर हस्ताक्षर किए थे।

जेडआरओ, जोमी समुदाय के लोगों का समूह है, जो कि 1997 में बना था। दरअसल, चूराचंदपुर जिले में कुकी लोगों और पैती जनजाति के बीच तनाव के माहौल के बाद यह समूह जन्मा था, जबकि इसका जुड़ाव जोमी रेव्यूल्यूशनरी ऑर्गनाइजेशन से रहा। इसकी स्थापना अप्रैल 1993 में हुई थी। नौ अगस्त, 2005 के बाद से जेडआरओ का भारत सरकार के साथ सीजफायर को लेकर करार हुआ था।

दूसरी ओर केएनओ भारत और म्यांमार के अधिकतर कुकी समुदाय वाले हिस्सों में सक्रिय है। यह संगठन ही विभिन्न कुकी उग्रवादी समूहों के बीच तालमेल बिठाने का काम करता है। यही नहीं, ये लोग सामाजिक व धार्मिक मुद्दों को लेकर आवाज उठाने की वजह से कुकी समुदाय के बीच अच्छी खासी पैठ रखते हैं। केएनओ ने काफी समय पहले ही सैन्य बलों का सामना करना बंद कर दिया था। समूह ने इसके साथ ही अपने लक्ष्यों को पूरा करने को लेकर भारतीय सरकार से गुजारिश भी की थी।

बता दें कि उत्तर पूर्वी भारत के आठ राज्यों में लोकसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे, जो कि क्रमशः 11, 18 और 23 अप्रैल को होंगे। अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में एक चरण में मतदान होगा, जबकि मणिपुर और त्रिपुरा में दो चरण में चुनाव होंगे। वहीं, असम में तीन चरण में वोटिंग होगी।