Lok Sabha Election 2019 Dates: निर्वाचन आयोग द्वारा रविवार को बहुप्रतीक्षित 17वीं लोकसभा के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही देश में 11 अप्रैल से शुरु होने वाला चुनावी समर एक महीने से अधिक समय तक चलेगा। आयोग ने लोकसभा और चार राज्यों- आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा के चुनाव का कार्यक्रम घोषित दिया है। इसके तहत सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक होने वाले मतदान के बाद 23 मई को मतगणना होगी। उल्लेखनीय है कि 2014 में 16वीं लोकसभा का चुनाव नौ चरण में कराया गया था।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि पहले चरण के लिये 11 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिये 18 मार्च को अधिसूचना जारी होने के साथ ही चुनाव प्रक्रिया शुरु हो जायेगी। जो कि 23 मई को मतगणना के बाद 27 मई को पूरी होगी। चुनाव आयुक्तों अशोक लवासा और सुशील चंद्रा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अरोड़ा ने कहा कि लोकसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित किये जाने के साथ ही देश में चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी है। इसके साथ ही सरकार ऐसा कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकेगी जो मतदाताओं के ‘निर्णय’ को प्रभावित कर सके।
सर्वे: 2019 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनना मुश्किल
अरोड़ा ने बताया कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों के लिये 11 अप्रैल को मतदान होगा। दूसरे चरण में 13 राज्यों की 97 लोकसभा सीटों पर 18 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिये 19 मार्च को अधिसूचना जारी होगी। जबकि तीसरे चरण में 14 राज्यों की 115 सीटों पर 23 अप्रैल को प्रस्तावित मतदान की अधिसूचना 28 मार्च को जारी होगी। इसी तरह चौथे चरण में नौ राज्यों की 71 लोकसभा सीटों पर 29 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिये दो अप्रैल को, पांचवें चरण में सात राज्यों की 51 सीटों पर छह मई को होने वाले मतदान के लिये दस अप्रैल को, छठे चरण में सात राज्यों की 59 सीटों पर 12 मई को होने वाले मतदान के लिये 16 अप्रैल को और सातवें व अंतिम चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर 19 मई को होने वाले मतदान के लिये 22 अप्रैल को अधिसूचना जारी होगी।
अरोड़ा ने बताया कि 11 अप्रैल से 19 मई तक होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी कराये जायेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस दौरान जम्मू कश्मीर में सुरक्षा कारणों से विधानसभा चुनाव नहीं होगा। अरोड़ा ने बताया कि पहले चरण में 11 अप्रैल को आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और सिक्कम में लोकसभा सीटों के लिये होने वाले मतदान के साथ ही इन राज्यों की विधानसभा सीटों के लिये भी मतदान होगा। जबकि ओडिशा में चार चरण में 11, 18, 23 और 29 अप्रैल को लोकसभा सीटों के साथ ही विधानसभा सीटों के लिये भी मतदान होगा। इन राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिये मतगणना भी लोकसभा चुनाव की मतगणना के साथ 23 मई को होगी।
चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक आंध्र प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर पहले चरण में 11 अप्रैल को और तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को चुनाव होगा। वहीं, सर्वाधिक सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश की 80, पश्चिम बंगाल की 42 और बिहार की 40 सीटों पर सात चरणों में वोट डाले जायेंगे। इसके अलावा महाराष्ट्र की 48 और मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर चार चरणों में मतदान होगा।
जम्मू-कश्मीर में साथ नहीं होंगे विधानसभा चुनाव
मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव के साथ नहीं होंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवंबर में जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग किये जाने के बाद मई से पहले राज्य में चुनाव कराना अनिवार्य है। जम्मू कश्मीर में सुरक्षा संबंधी जटिल हालात को देखते हुये राज्य की छह लोकसभा सीटों पर ही पांच चरण में चुनाव होगा। उन्होंने कहा कि आयोग ने जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने के लिये पर्याप्त मात्रा में केन्द्रीय सुरक्षा बलों की उपलब्धता नहीं हो पाने के कारण राज्य में सिर्फ लोकसभा चुनाव कार्य्रकम ही घोषित करने का फैसला किया है। राज्य में सुरक्षा हालात की संवेदनशीलता का हवाला देते हुये अरोड़ा ने कहा कि अनंतनाग लोकसभा सीट पर तीन चरणों में मतदान कराया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा का छह साल का कार्यकाल 16 मार्च 2021 तक निर्धारित था, लेकिन पिछले साल राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन टूटने के कारण विधानसभा भंग कर दी गयी थी। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार जम्मू कश्मीर को छोड़कर अन्य सभी राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल पांच वर्ष होता है। अरोड़ा ने बताया कि लोकसभा की 543 सीटों पर चुनाव के लिये देश में लगभग दस लाख मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। पिछले चुनाव में मतदान केन्द्रों की संख्या नौ लाख थी। इस चुनाव में लगभग 90 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। पिछले चुनाव में मतदाताओं की संख्या 84.3 करोड़ थी।