Lok Sabha Election 2019: आम चुनाव से ऐन पहले जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के बीच गठबंधन हो गया है। दोनों पार्टियों में हुए तालमेल के मुताबिक, जम्मू और उधमपुर सीट पर कांग्रेस लड़ेगी तो श्रीनगर सीट पर एनसी लड़ेगी। बता दें कि राज्य में पांच चरणों में मतदान होगा। ये चरण इस प्रकार हैं- अप्रैल 11, 18, 23, 29 और छह मई 2019।
बुधवार (20 मार्च, 2019) को कांग्रेस के साथ गठजोड़ पर एनसी नेता फारूख अबदुल्ला ने कहा, “जम्मू और उधमपुर सीट पर कांग्रेस लड़ेगी, जबकि मैं श्रीनगर सीट से चुनावी मैदान में उतरूंगा। चुनाव में दो सीटों पर दोस्ताना संघर्ष भी रहेगा, जिसमें अनंतनाग और बारामूला सीटें शामिल हैं। हम लद्दाख सीट पर भी चर्चा करेंगे।” अब्दुल्ला आगे बोले- देश को धर्मनिरपेक्ष रखने के मकसद से दोनों पार्टियां साथ आई हैं।
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाब नबी आजाद ने बताया कि दोस्ताना संघर्ष का मतलब है कि अनंतनाग और बारामूला सीटों को लेकर दोनों पार्टियों के बीच गलाकाट प्रतियोगिता नहीं होगी। वहां कांग्रेस जीते या फिर एनसी, वह जीत दोनों ही पार्टियों के लिए होगी। बकौल आजाद, “देश जब धर्मनिरपेक्ष और एकजुट रहेगा, तभी पाकिस्तान और चीन का मुकाबला कर सकता है।”
आजाद ने आगे कहा, “जियो और जीने दो। राष्ट्र हित में लिया गया यह सबसे बेहतरीन फैसला है। कांग्रेस हो या फिर एनसी, जो भी जीतेगा, जीत दोनों ही पार्टियों के लिए ही मानी जाएगी।” आजाद ने आगे कहा, “जियो और जीने दो वाली स्थिति चाहते हैं। राष्ट्र हित में लिया गया यह सबसे बेहतरीन फैसला है। कांग्रेस हो या फिर एनसी, जो भी जीतेगा, जीत दोनों ही पार्टियों के लिए ही मानी जाएगी।”
आजाद के अनुसार, यह गठबंधन सुनिश्चित करेगा कि घाटी में धर्मनिरपेक्ष वोट बंटे नहीं। साथ ही बीजेपी को किसी प्रकार का फायदा भी न मिलने पाए। वहीं, उन्होंने यह भी साफ किया कि कांग्रेस के नेता फारूख अब्दुल्ला के लिए अभियान चलाएंगे, जो कि श्रीनगर से भी चुनावी मैदान में उतरे हैं।
पिछले चुनाव में क्या थी तस्वीर?: 2014 में भी इन दोनों दलों ने साथ में चुनाव लड़ा था, पर उनके हाथ कोई सीट नहीं लगी थी। बीजेपी ने जम्मू क्षेत्र में दोनों सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि लद्दाख की एक सीट पर भी कमल खिला था। वहीं, कश्मीर में सभी तीन संसदीय क्षेत्रों पर महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी ने जीत हासिल की थी।

