Lok Sabha Election 2019: महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजीत पवार के 29 साल के बेटे पार्थ पवार मावल संसदीय इलाके से आम चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। यह चुनावी राजनीति में उनकी एंट्री होगी। पार्थ को उतारे जाने का फैसला शरद पवार की कीमत पर हुआ है, जिन्होंने रेस से हटने का फैसला किया है। पार्थ के पिता अजीत शरद पवार के भतीजे हैं। कहा जा रहा है कि पवार चाहते थे कि परिवार के दो सदस्य से ज्यादा लोग चुनावी मैदान में न उतरें। बता दें कि शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले बारामती से चुनाव लड़ रही हैं। पार्थ के दादा अनंतराव पवार शरद पवार के बड़े भाई हैं।
बता दें कि पार्थ पुणे की चार लोकसभा सीटों में से एक मावल से चुनाव लड़ने की हसरत काफी पहले जता चुके थे। पिछले महीने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा था, ‘अगर चुनाव लड़ने के लिए उत्सुक हूं, अगर मेरी पार्टी मुझे टिकट देती है।’ राजनीतिक अनुभव कम होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था, ‘मैंने पिता के चुनावी अभियानों में कड़ी मेहनत की है।’ पार्थ को अपने पिता का भी समर्थन हासिल है। वह पिछले साल से ही अपने क्षेत्र में बड़े पैमाने पर दौरे कर रहे हैं। पार्थ इस दौरान न केवल रैलियों को संबोधित कर रहे थे, साथ ही पार्टी वर्करों से मुलाकात करने के अलावा विकास कार्यों का भी जायजा ले रहे थे। स्थानीय एनसीपी नेताओं का मानना है कि मावल सीट पर पार्थ की दावेदारी औपचारिकता भर थी।
हालांकि, एनसीपी नेताओं के लिए शरद पवार का फरवरी में किया वो ऐलान चौंकाने वाला था, जिसमें उन्होंने कहा था कि परिवार से सिर्फ दो लोग ही चुनावी मैदान में उतरने चाहिए। इससे पहले, वह संकेत दे चुके थे कि वह खुद भी मैदान में उतरेंगे। चूंकि, सुप्रिया सुले की दावेदारी पर किसी को संदेह नहीं था, इसलिए लोगों को लगा कि पार्थ को मौका नहीं मिलेगा। कुछ दिन बाद, पवार से 20 फरवरी को जब पार्थ की चुनावी दावेदारी पर सीधे सीधे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था, ‘पार्थ पवार, रोहित पवार और अजीत पवार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।’ बता दें कि रोहित पवार पार्थ के चचेरे भाई हैं, जो अजीत पवार के भाई के बेटे हैं।
हालांकि, एनसीपी नेताओं का मानना है कि पारिवारिक कनेक्शन के इतर पार्थ के मावल सीट से जीतने की पूरी संभावना है। इस सीट पर 2009 के बाद से ही शिवसेना का कब्जा है। नेताओं के मुताबिक, भले ही यह पार्थ का पहला चुनाव है, लेकिन वह नौसीखिए नहीं हैं। वह पर्दे के पीछे अपने पिता और पार्टी के लिए काफी वक्त से काम करते रहे हैं। बीते कुछ सालों से वह पार्टी के सोशल मीडिया का कामकाज देख रहे हैं।
वहीं, शरद पवार ने जब सोमवार को इस बात का ऐलान किया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे, उन्होंने माना कि पार्थ ने मावल में अपनी उपस्थिति मजबूती से दर्ज कराई है। शरद पवार ने कहा, ‘जब हम प्रत्याशी का चुनाव करते हैं तो हम उसके चुनावी योग्यता और लोकप्रियता को देखते हैं। पार्थ इन मापदंडों पर फिट बैठते हैं। स्थानीय एनसीपी नेताओं की भी मांग थी कि पार्थ को मावल सीट से चुनाव लड़ना चाहिए क्योंकि पार्टी की जीतने की अच्छी संभावनाएं हैं।’ वहीं, अजीत पवार के नजदीकी माने जाने वाले एनसीपी नेता योगेश बेल ने कहा कि पार्थ की ‘साफ-सुथरी और विवादरहित छवि’ उनके हक में काम करेगी।

