Lok Sabha Election 2019: चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों का ऐलान कर दिया है। कुल 7 चरणों में पूरे देश की लोकसभा की कुल 543 सीटों पर चुनाव होने हैं। 11 अप्रैल से लेकर 19 मई तक चुनाव होंगे। 23 मई को नतीजों की घोषणा होगी। पिछली बार साल 2014 में 16वीं लोकसभा का चुनाव हुआ था। इन पांच वर्षों में देश की राजनीतिक परिदृश्य में काफी बदलाव हुआ है। नए गठबंधन बने हैं तो कहीं नई पार्टियां बनी है। वर्ष 2014 के बाद देश में पांच दर्जन नई राजनीतिक पार्टियों का गठन हुआ है। वहीं, दो दर्जन नए दल रजिस्ट्रेशन की लाइन में लगे हैं।
बिहार में मधेपुरा से राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव जीतने वाले सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने नई पार्टी ‘जन अधिकार पार्टी (लो.)’ का गठन किया है। फिलहाल वे इसके संरक्षक बने हुए हैं। आगामी चुनाव में वे महागठबंधन (राजद, कांग्रेस, हम, रालोसपा व अन्य) में शामिल होने की जुगत में हैं। हालांकि, अभी वे महागठबंधन में शामिल नहीं हुए हैं। 2014 के चुनाव के समय जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष रहे शरद यादव ने लोकतांत्रिक जनता दल का गठन किया है। वे महागठबंधन में शामिल हो गए हैं। महागठबंधन की रैली में शामिल होने की वजह से जदयू ने उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया था। उनकी राज्यसभा सदस्यस्ता पर भी खतरा मंडरा रहा है।
दरअसल, पिछले चुनाव में जदयू एनडीए गठबंधन में नहीं थी। लोकसभा चुनाव अकेले लड़ी थी और बिहार विधानसभा चुनाव राजद के साथ मिलकर। विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत हुई और नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बनें। हालांकि, बाद में बदले राजनीतिक घटनक्रम के बाद वे एनडीए में शामिल हो गए और भाजपा के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाई। शरद यादव नीतीश कुमार के इस कदम का विरोध कर रहे थे। वे पार्टी (जदयू) की चेतावनी को नजरअंदाज कर राजद की रैली में शामिल हुए और उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
बात बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की करते हैं। जीतनराम मांझी पहले जदयू के साथ थे। लोकसभा चुनाव के समय बिहार में बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद नीतीश कुमार ने उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था। हालांकि, बाद में पार्टी के दबाव में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद जीतनराम मांझी ने ‘हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा’ पार्टी बनायी। बिहार विधानसभा चुनाव के समय मांझी की पार्टी ‘हम’ एनडीए का हिस्सा थी। लेकिन जब नीतीश कुमार फिर से एनडीए में शामिल हुए तो मांझी ने बिहार में तीन सीटों के लिए हुए उपचुनाव में पाला बदल लिया तथा महागठबंधन के साथ हो लिए। अभी वे महागठबंधन के साथ हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा और मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव ने पार्टी की कमान को लेकर पिता-पुत्र के बीच हुए घमासान के वक्त भतीजे का विरोध किया था। शिवपाल मुलायम सिंह यादव के साथ थे। पार्टी की कमान अखिलेश यादव के हाथों में जाने के बाद शिवपाल यादव को तव्वजों कम दी जाने लगी और उन्होंने अखिरकार अपनी पार्टी ‘प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया)’ बनाई। यह पार्टी भी आगामी चुनाव में कई सीटों पर अपना उम्मीदवार उतार सकती है। यूपी के बाहुबली नेता और कुंडा के विधायक राजा भैया ने चुनाव से पहले अपनी पार्टी ‘जनसत्ता’ दल का गठन किया है। उन्होंने चुनावी कैंपेन भी शुरू कर दिए हैं। हाल ही में उन्होंने कौशांबी में एक बड़ी रैली कर विरोधियों को अपनी ताकत का एहसास दिलाया।
साउथ फिल्मों के सुपर स्टार रजनीकांत ने भी अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई है, इसका नाम ‘रजनी मक्कल मंदरम’ है। हालांकि, उन्होंने कुछ दिनों पहले ये घोषणा किया कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी। अभिनेता से राजनेता बने कमल हासने ने ‘मक्कल निधि माईअम (एमएनएम)’ पार्टी बनाई है। उन्हें चुनाव चिन्ह के रूप में बैटरी टॉर्च दिया गया है। वहीं, पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक से निष्कासित होने के बाद टीटीवी दिनाकरन ने अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (एएमएमके) बनाया है।
रजिस्ट्रेशन की लाइन में 2 दर्जन से अधिक पार्टियां लाइन में लगी है। इनमें भारतीय जन सम्मान पार्टी, भारत जनशक्ति पार्टी, भारतीय लोग संघ पार्टी, जन राजम पार्टी, केरल जनपक्षम (सेकुलर), राष्ट्रीय गणतंत्र पार्टी, रायलसीमा प्रजा समिति, आजाद क्रांति पार्टी, आम जन नीती पार्टी, भारतीय सबका दल, आर्थिक विकास पार्टी, अमन और शांति तहरीक-ए-जम्मू, राष्ट्रीय किसान बहुजन पार्टी, आम लोक पार्टी (यूनाइटेड), अखिल भारतीय जनादेश पार्टी, राष्ट्रवादी जनसंघ, भारत की पेशेवर पार्टी, अखंड भारत विकास पार्टी, देसिया सिरुपन्ममयिनार मकलिय्यक्कम, लछिया जननायका काची (LJK), सब जन विकास राष्ट्रीय पार्टी, पंजाब एकता पार्टी, डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी, विवसायिगल मक्कल मुनेत्र काची व अन्य शामिल है।