Lok Sabha Election 2019: आम चुनाव 2019 के लिए चौथे चरण के मतदान सोमवार को हुए। यूपी की जिन 13 सीटों पर मतदान हुआ, उनमें से अधिकतर पर 2014 के मुकाबले कम वोटिंग दर्ज की गई। एक अंग्रेजी अखबार का आकलन है कि पिछले साल हुए उप चुनाव में जब वोटिंग का ऐसा ही पैटर्न दिखा था तो उस वक्त बीजेपी को गोरखपुर, फूलपुर और कैराना सीट गंवानी पड़ी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन सीटों पर कम वोटिंग पर्सेंटेज दर्ज किया गया, उनमें कन्नौज (इस बार 51%, पिछली बार 57%), मिसरिख (इस बार 50%, पिछली बार 52%), फर्रुखाबाद (इस बार 56%, पिछली बार 60%), अकबरपुर (इस बार 53%, पिछली बार 55%), खीरी (इस बार 62%, पिछली बार 64%), जालौन (इस बार 55%, पिछली बार 59%) आदि शामिल हैं। हालांकि, इटावा, हरदोई, हमीरपुर और उन्नाव में 5 साल पहले जैसा ही वोटिंग पर्सेंटेज दर्ज किया गया।
बता दें कि गोरखपुर, फूलपुर और कैराना में पिछले साल काफी बीजेपी मतदाता अपना वोट डालने बूथों पर नहीं आए थे। पारंपरिक तौर पर कम मतदान प्रतिशतता को एंटी इनकंबेंसी फैक्टर के गायब रहने के तौर पर देखा जा जाता है। द टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, कई गांवों ने सोमवार को मतदान का बहिष्कार किया। इसकी वजह बीजेपी शासित इस राज्य में सरकार के प्रति असंतोष को माना जा रहा है। हरदोई के छतरपुर में लोग एक बैनर के साथ नजर आए, जिसपर लिखा था, ‘विकास नहीं तो वोट नहीं।’ वहीं, झांसी में पानी और सड़क के मुद्दे पर बहुत सारे वोटरों ने बूथ का रुख नहीं किया। इसके अलावा, ललितपुर के बुचाचित्रा में कई वोटरों ने इसलिए मतदान नहीं किया क्योंकि उन्हें अपनी फसल खराब होने के बाद इंश्योरेंस का पैसा नहीं मिला था।
बता दें कि यूपी की 13 सीटों पर शिकायतों और छिटपुट घटनाओं के बीच शाम छह बजे तक 57.58 प्रतिशत मतदान हुआ। 2014 में इन सीटों पर 58.39 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले थे। शाहजहांपुर में कई स्थानों पर ईवीएम खराबी की वजह से मतदान रोका गया। सपा ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल की उम्मीदवारी वाले कन्नौज लोकसभा क्षेत्र के तिर्वा और विधूना में खासकर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अनेक मतदान केन्द्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी किये जाने और कोई भी बटन दबाने पर भाजपा के पक्ष में वोट जाने की शिकायत की। साथ ही गुरुसहायगंज के थाना प्रभारी द्वारा मतदाताओं को धमकाये जाने का आरोप लगाया। इस चरण में पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों सलमान खुर्शीद, श्रीप्रकाश जायसवाल, उत्तर प्रदेश के मौजूदा कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव, साक्षी महाराज और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया जैसे राजनीतिक दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इस चरण में कुल 152 प्रत्याशी मैदान में थे।
(भाषा इनपुट्स के साथ)

