Lok Sabha Election 2019: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की है। अखिलेश ने कहा कि डिंपल यादव से शादी इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि वह जाति की राजनीति नहीं करते हैं। डिंपल दूसरे कास्ट की हैं।
इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में अखिलेश ने कहा कि उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के साथ 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए किया है। अखिलेश ने यह भी दावा किया कि जब से उनकी समाजवादी पार्टी ने बसपा से गठबंधन किया है, भाजपा काफी परेशान हो गई है।
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उन्होंने कहा कि यह गठबंधन भाजपा को उत्तर प्रदेश में जीत से रोकने के लिए किया गया है। इसलिए भाजपा जाति और धर्म का मुद्दा उठा रही है। अखिलेश ने कहा कि जनता काफी समझदार है और भाजपा की यह रणनीति कारगर साबित नहीं होगी। जाति की राजनीति पर अखिलेश ने कहा कि उन्होंने कभी जाति की राजनीति में विश्वास नहीं किया और ना ही कभी जाति और धर्म की राजनीति में विश्वास करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि उन्होंने डिंपल से शादी की है। डिंपल किसी अन्य जाति है और मेरी कास्ट अलग है। अखिलेश ने कहा, ‘मैं जातिवादी नहीं हूं, हम दोनों ने शादी कर जाति की दीवार को तोड़ा है।’ अखिलेश से जब पूछा गया कि यदि वे जाति की राजनीति में यकीन नहीं करते हैं तो फिर उन्होंने यादव रेजीमेंट बनाने का मुद्दा क्यों उठाया।
गुजरात में अहीर समुदाय ने की थी मांगः इस पर अखिलेश ने कहा, ‘मैं एक बार गुजरात गया था जहां मैं अहीर समुदाय के लोगों से मिला था, उन लोगों ने अहीस रेजीमेंट बनाने की मांग की थी।’ उन्होंने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि गुजरात रेजीमेंट भी बननी चाहिए।
रेजीमेंट को कास्ट से जोड़कर नहीं देखतीः जाति की राजनीति से जुड़े सवाल पर डिंपल से जब यह पूछा गया कि यादव रेजीमेंट क्यों नहीं होना चाहिए। इस पर डिंपल यादव ने कहा कि वह गढ़वाल से हैं और लोग गढ़वाल रेजीमेंट को बहुत अच्छे तरीके सा जानते हैं। इसी तरह से यादव रेजीमेंट बननी चाहिए और इसके कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए। डिंपल ने कहा कि वह इसे किसी कास्ट से जोड़कर नहीं देखती हैं।

