Lok Sabha Election 2019: बिहार में बेगूसराय सीट पर चुनाव से पहले विपक्षी दलों में मतभेद सामने आ रहा है। यहां सीपीआई ने कन्हैया कुमार के पक्ष में लालू की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से अपने उम्मीदवार को वापस लेने की मांग की थी। इसके एक दिन बात राजद ने सीपीआई के सामने यहीं मांग दोहरा दी।

राजद का कहना है कि सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए सीपीआई को कन्हैया कुमार को चुनाव मैदान से हटा लेना चाहिए। विपक्ष के इस रुख के बाद केंद्रीय मंत्री व भाजपा उम्मीदवार गिरिराज सिंह के जीतने की संभावनाएं मजबूत हो गई हैं। गिरिराज पहले यहां से चुनाव नहीं लड़ना चाह रहे थे। बिहार की बेगूसराय सीट पर भाजपा, महागठबंधन और सीपीआई के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।

राजद की तरफ से यहां से तनवीर हसन को मैदान में उतारा गया है। बेगूसराय संसदीय सीट पर 29 अप्रैल को चुनाव होना है। जेएनयू के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार वोटरों को लुभाने के लिए यहां दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं। कन्हैया के पक्ष में प्रचार करने के लिए कई अभिनेता, थिएटर कलाकार, एक्टिविस्ट, लेखक, मंच कलाकार, बुद्धजीवी और बिहार के बाहर से सांस्कृतिक समूह भी प्रचार कर रहे हैं।

राजद के महासचिव शिवानंद तिवारी ने पटना में कहा, ‘मैंने सीपीआई से आग्रह किया है और पार्टी से अपील की है कि वे राजद उम्मीदवार तनवीर हसन के पक्ष में अपने उम्मीदवार को रिटायर कर दे।’ तिवारी ने कहा कि मीडिया ने कन्हैया को हीरो बना दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि कन्हैया का बेगूसराय में कोई आधार नहीं है।

तिवारी ने पूछा, ‘पिछले लोकसभा चुनाव में तनवीर हसन को मोदी लहर के बावजूद 3.60 लाख मत मिले थे। सीपीआई जिसने जदयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था उसे 2 लाख से भी कम वोट मिले थे। ऐसे में पार्टी का वोट कहां है?’ तिवारी ने उल्लेख किया कि बेगूसराय संसदीय क्षेत्र में 7 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से पांच महागठबंधन के घटक राजद और कांग्रेस के पास हैं।

इससे पहले बुधवार को सीपीआई ने कहा था कि कन्हैया कुमार को बेगूसराय में समाज के सभी वर्गों का बेहतरीन जनसमर्थन मिल रहा है। पार्टी ने राजद से आग्रह किया था कि वह त्रिकोणीय मुकाबले से अपने उम्मीदवार तनवीर हसन को हटा ले।