Lok Sabha Election 2019: तेलंगाना में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रविवार (आठ अप्रैल, 2019) को चुनावी रैली थी। कामरेड्डी जिले के येल्ला रेड्डी इलाके में आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने भाषण देना शुरू किया ही था, पर उसके कुछ ही मिनटों बाद वहां से लोग वापस लौटने लगे। वजह- जनता समझ ही नहीं सकी कि आखिर सीएम क्या बोल रहे थे। दरअसल, योगी की रैली में कोई अनुवादक नहीं था। ‘टीओआई’ के मुताबिक, जहीराबाद के स्थानीय बीजेपी नेताओं ने योगी की रैली में भीड़ तो जुटा ली थी। पर उनमें से अधिकतर लोग तेलुगूभाषी महिलाएं थीं। उन्हीं के हवाले से रिपोर्ट्स में बताया गया, “सीएम ने जो कहा, हम वह समझ ही नहीं पाए।”

अन्य लोगों के साथ रैली छोड़कर जाने वाली एक नाराज महिला ने अंग्रेजी अखबार से कहा, “वह जो कहना चाह रहे थे, हम वह समझ नहीं पाए। कम से कम बीजेपी को इस कार्यक्रम के लिए अनुवादक रख लेना चाहिए था।”

सूत्रों ने इससे पहले बताया था कि वहां बीजेपी की राज्य इकाई के प्रमुख के.लक्ष्मण या फिर राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव बड़े राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के लिए भाषण का अनुवाद कर चुके हैं। पर सीएम योगी की रैली के लिए किसी अनुवादक का बंदोबस्त नहीं किया गया था। अगर वैसा होता, तब तेलुगूभाषियों के बीच उनकी बात पहुंचाई जा सकती थी।

रोचक बात है कि गोशमहल से पार्टी के विधायक टी.राजा सिंह भी आमतौर पर हिंदी बोलते हैं, मगर लोगों तक अपनी बात को पहुंचाने के लिए वह वहां तेलुगू में ही बोलते हैं।

यूपी सीएम ने केसीआर सरकार पर यूं साधा निशानाः सीएम योगी ने तेलंगाना में मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का पक्ष लेने को लेकर घेरा है। उन्होंने वहां मुसलमानों को 12 फीसदी आरक्षण देने को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की है और उसे असंवैधानिक बताया है।

बकौल सीएम, “तेलंगाना में मैं निजामी शासन देखता हूं। टीआरएस सरकार निजामों की तरह राज कर रही है। आखिर तेलंगाना सरकार कैसे मुसलमानों को 12 फीसदी आरक्षण मुहैया करा सकती है। यह असंवैधानिक है।”

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