Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव के छठे चरण के तहत 12 मई को मतदान होगा। ऐसे में लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करने ट्रेनों से अपने-अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं। लेकिन इस दौरान ट्रेनों में भारी भीड़ उमड़ने के चलते लोगों को काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तम नगर के पेंटर सुरेन्द्र भगत शुक्रवार को बिहार के सिवान जिले के लिए ट्रेन में सवार हुए। लेकिन भीड़ और टिकट कन्फर्म नहीं होने के कारण उन्हें वॉशरूम के अंदर लगभग 16 घंटे का सफर तय करना पड़ा। ऐसे ही कई लोग हैं जिनको मतदान के लिए घर जाने में ट्रेनों में दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है।
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इंडियन एक्सप्रेस ने शुक्रवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का दौरा किया तो पाया कि लोकसभा चुनाव के छठे और सातवें चरण के मतदान में बिहार, उत्तर प्रदेश के अधिकांश यात्री जो कि रिक्शा चालक, रेड़ी वाले हैं, ट्रेनों से सफर कर अपने गंतव्य तक जा रहे हैं। भगत उन हजारों मजदूरों में से एक हैं, जो भीड़भाड़ वाली ट्रेनों में जा रहे हैं। उनका कहना है कि अक्सर घंटों तक बाथरूम के अंदर या बगल में बैठकर अपने गंतव्य तक पहुंच जाते हैं। बकौल भगत, ट्रेन खचाखच भरी हुई है लेकिन मुझे वोट देने का अधिकार है और यह जरुरी है कि मैं इसका प्रयोग करूं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे पीएम नरेंद्र मोदी को जिताना है।
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एक और ट्रेन में सवार यात्री सतेंद्र तिवारी (40) जो कि बिहार के गोपालगंज जा रहे थे, उन्हें भी यात्रा का अधिकांश समय टॉयलेट में बिताने को मजबूर होने पड़ा। इस बीच नोएडा में काम करने वाले एक सिक्योरिटी गार्ड ने कहा कि बदबू और गर्मी में यात्रा करना मुश्किल था, लेकिन इन सबके बावजूद वोट डालना जरुरी था। उन्होंने कहा, “चीजें मेरी पसंद के मुताबिक नहीं बदलेंगी, लेकिन मैं सरकार के काम से संतुष्ट हूं … खासकर सर्जिकल स्ट्राइक से।”
दिल्ली में 2018-19 के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, 2013 से राजधानी में बाहर से आए लोगों (प्रवासियों) की अनुमानित जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ट्रेन में सफर कर रहे कई लोगों ने कहा कि वे ट्रेन के फाटकों पर बैठकर रात भर यात्रा करेंगे। सतेंद्र माथुर (30) ने कहा कि यह बिहार जाने के लिए एक मुश्किल सफर होगा लेकिन हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। इसी तरह गुड़गांव में एक कार गैरेज में काम करने वाले अमित कुमार (24) कहते हैं कि मैं ट्रेन के गेट के बगल में अपनी जगह की रखवाली कर रहा था क्योंकि उसके पीछे कई लोग खड़े थे। उन्होंने कहा, “मैंने तत्काल आरक्षण कराया था लेकिन तब भी आरक्षण नहीं मिला।
कुछ यात्री अपने गृह राज्यों में जाने के लिए देश के दूसरे हिस्सों से लंबी यात्रा करके आ रहे थे। बृजेश कुमार वर्मा (26) अपने परिवार के साथ गुरुवार को पुणे से उत्तर प्रदेश के बलिया अपने गांव जा रहे थे। उन्होंने कहा, “हमारे घर में शादी है और इसके साथ हम वोट भी डालेंगे।” इस दौरान उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के कपिल दुबे (31) का कहना था कि जो लोग वोट नहीं देते उन्हें बाद में सरकार से शिकायत करने का कोई हक नहीं हैं।

