Lok Sabha Election 2019 में भी महिला आरक्षण का मसला चरम पर है। दोनों प्रमुख दलों बीजेपी-कांग्रेस ने फिर से विधायिकाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए बिल को पास कराने का वादा किया है। लेकिन जिस हरियाणा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटियों को बचाने का अभियान शुरू कर नारी सशक्तिकरण का संदेश दिया था, वहीं पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व सबसे कम है। हरियाणा राज्य बनने के बाद से लेकर अब तक वहां से केवल पांच महिलाएं ही संसद तक पहुंच पाई हैं। इस बार आम चुनावों में 11 महिलाएं यहां से अपनी किस्मत आजमा रही हैं।
चिंताजनक बात यह है कि अपने कम लिंगानुपात के लिए आलोचना के घेरे में रहने वाले इस राज्य से पिछले लोकसभा चुनाव में कोई भी महिला जीत हासिल नहीं कर सकी थी। यहां की कुल 10 में से 6 संसदीय सीटें ऐसी हैं जहां से लोगों ने कभी किसी महिला को नहीं जिताया है। इस बार के चुनावों में खास बात यह भी है कि राज्य में 11 में से सात महिलाएं बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी दंगल में ताल ठोक रही हैं, लेकिन इतिहास के आंकड़े उनके पक्ष में गवाही नहीं दे रहे। यहां आज तक कोई निर्दलीय महिला उम्मीदवार विजयी घोषित नहीं हुई है।
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हरियाणा से पहली महिला सांसद बनने का रिकॉर्ड चंद्रवती के नाम पर है। 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर उन्होंने भिवानी सीट से जीत हासिल की थी। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेहद करीबी समझे जाने वाले नेता बंसी लाल को हराया था। हालांकि बाद में वो कांग्रेस में शामिल हो गई थीं और 1990 में वह पुड्डुचेरी की राज्यपाल भी बनीं। राज्य से अब तक 151 सांसद चुने गए हैं जिनमें से सिर्फ 8 महिलाएं ही सांसद बन सकी हैं।
कांग्रेस की कुमारी शैलजा ही एकमात्र ऐसी महिला हैं जो हरियाणा से तीन बार लोकसभा पहुंच सकी हैं। दो बार अंबाला सीट से और एक बार सिरसा सीट से। शैलजा ने पीटीआई से कहा, ‘राज्य ने खूब तरक्की की है लेकिन जब महिलाओं की बात आती है तो अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। इस समस्या को हल करने के लिए अधिक से अधिक महिलाओं को आगे आना होगा।’
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भिवानी महेंद्रगढ़ से 2009 में सांसद रहीं बंसी लाल की पोती एक बार फिर मैदान में हैं। उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘महिलाएं सशक्त राजनीतिज्ञ हो सकती हैं। मेरी मां (किरण चौधरी) ने खुद को साबित किया है। यह दुख की बात है कि अब तक बहुत कम संख्या में महिलाएं सांसद निर्वाचित हुई हैं। मैं महिलाओं से आगे आने की अपील करती हूं।’