Lok Sabha Election 2019ः लोकसभा चुनाव में एक जनसभा में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को एक चुनावी सभा में किसान सम्मान निधि को लेकर सवाल पूछना भारी पड़ गया। सभा को संबोधित करने हुए केंद्रीय मंत्री ने जब लोगों से पूछा कि आप लोगों के खाते में 2000 रुपये की पहली किस्त मिली है कि नहीं, कुछ लोगों को मिली है कि नहीं?
राजनाथ ने इस सवाल पर लोगों को हाथ खड़ा करने को कहा। इस पर किसी ने भी हाथ नहीं खड़ा किया। राजनाथ सिंह ने अपने सवाल को दो तीन बार लगातार दोहराया। राजनाथ ने कहा, ‘अरे, ऐसा कैसे हो सकता है… कुछ लोगों के खाते में तो आएंगे होंगे।’ इस पर पीछे से आवाज आई यहां किसी के खाते में कोई पैसे नहीं आए। केंद्रीय मंत्री ने पीछे मुड़कर मंच पर बैठे पार्टी के स्थानीय नेताओं से इस बारे में सवाल किया। राजनाथ ने कहा, ‘क्यों भाई इन्हें नहीं मिला है।’
वहीं कांग्रेस को इस मुद्दे पर केंद्र पर निशाना साधने का मौका मिल गया। कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के इस वीडियो को ट्वीट करते हुए सरकार पर चुटकी ली। पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘ सच्चाई के जीत की शुरुआत हो चुकी है. जुमले का टाइम खत्म हो चुका है।’
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने पीएम किसान योजना के तहत 5 एकड़ या इससे कम खेत वाले किसानों को 6000 रुपये सालाना देने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि की शुरुआत गोरखपुर से की थी। इसके अंतर्गत एक करोड़ किसानों के खातों में 2000 रुपये की पहली किस्त जमा कराई गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस योजना के तहत 12 करोड़ किसानों के खातों में 75 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे।
The triumph of truth begins.
The time for jumlas are over.
Exhibit A – pic.twitter.com/KZxE6Kp5Yl— Congress (@INCIndia) April 10, 2019
पीएम ने अपने भाषण में कहा था कि हम अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाएंगे। उन्होंने बंजर जमीन पर सोलर प्लांट लगाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि सरकार किसानों को 17 लाख से ज्यादा सोलर पंप वितरित करेगी। सरकार का कहना था किसान इस पैसे का प्रयोग खाद, बीज, दवा और बिजली का बिल देने में कर सकेंगे।
इससे पहले अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने बजट भाषण में कहा था कि इस योजना से करीब 12.5 करोड़ छोटे किसानों को फायदा होगा जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन है और जिनकी पारिवारिक आमदनी 10 हजार रुपये से कम है। इस योजना का सबसे अधिक फायदा उत्तर प्रदेश के किसानों को मिलने की उम्मीद है। एक अनुमान के मुताबिक यूपी में करीब 2.35 करोड़ छोटे किसान हैं जो इस योजना के दायरे में आते हैं।