मध्य प्रदेश में छठे चरण की वोटिंग के दौरान ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। गांव वालों का आरोप है कि पीठासीन अधिकारी जबरन कांग्रेस को वोट डालने का दबाव डाल रहे थे। मुरैना के अजीतपुरा गांव में मतदान केंद्र संख्या 264 पर ग्रामीणों का आरोप है कि पीठासीन अधिकारी गांव के लोगों पर कांग्रेस के लिए वोट डालने का दबाव बना रहे थे। गांव के लोगों का कहना है कि जो वोटर पीठासीन अधिकारी की बात नहीं मान रहा था, तो वह उसे कागजी कामों में उलझा दे रहे थे।
इस मामले में संबंधित पीठासीन अधिकारी ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है। पीठासीन अधिकारी का कहना है कि ग्रामीण जरूरी कागजात और पहचान पत्र अपने साथ नहीं ला रहे, ऐसे में मतदान करना मुमकिन नहीं है।
इससे पहले के चरण के चुनाव में भी वोटिंग के दौरान मतदाताओं ने भिन्न-भिन्न लोगों और अधिकारियों पर भ्रमित करने का आरोप लगाया था। कई मतदाताओं ने आरोप लगाया था कि वे किसी और को वोट देना चाह रहे थे, लेकिन किसी और के पक्ष में वोटिंग करा दी गई। हालांकि, मुरैना में यह मामला थोड़ा अलग है, जिसमें पीठासीन अधिकारी पर ही पार्टी विशेष के उम्मीदवार के लिए मतदान करने के आरोप लगे हैं। गौरतलब है कि रविवार को छठे चरण के लिए 59 सीटों पर मतदान हो रहे हैं।

