Lok Sabha Election 2019 के लिए प्रचार करने उतरीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रविवार को लखनऊ पहुंच गईं। सोमवार को प्रयागराज से वाराणसी तक की उनकी नाव यात्रा प्रस्तावित है, लेकिन फिलहाल यह कुछ समय टलती नजर आ रही है। प्रयागराज के छटांग से वाराणसी के अस्सी घाट तक की 140 किमी की यह गंगा यात्रा करीब तीन दिन तक चलनी है, लेकिन इसमें कई अड़चनें दिख रही हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यात्रा से ठीक पहले प्रशासन ने गंगा के कुछ हिस्सों में गाद ज्यादा होने की वजह से नाव चलने की स्थिति नहीं होने की बात कही है। वहीं, इससे पहले एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशासन की तरफ से प्रियंका गांधी के स्टैंडर्ड की नाव नहीं देने की बात भी सामने आई थी।
‘गंगा का सहारा लेकर आपके बीच आ रही हूं’: लखनऊ यात्रा के साथ-साथ प्रियंका गांधी ने एक खुला पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश से मेरा नाता बहुत पुराना है। मेरी जिम्मेदारी सबके साथ मिलकर राजनीति को बदलने की है। मैं जलमार्ग, बस, ट्रेन और पदयात्रा सभी साधनों के जरिए आपसे संपर्क करूंगी। गंगा सच्चाई, समानता और हमारी गंगा-जमुनी संस्कृति का प्रतीक हैं। वे किसी से भेदभाव नहीं करतीं। गंगाजी उत्तर प्रदेश का सहारा है। मैं गंगाजी का सहारा लेकर आपके बीच आ रही हूं।’’
मिनट-टू-मिनट प्रोग्राम रिलीजः उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने प्रियंका गांधी की तीन दिवसीय यात्रा का मिनट-दर-मिनट कार्यक्रम भी जारी कर दिया है। पार्टी सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, सुरक्षा के मद्देनजर कार्यक्रम में बदलाव संभव है। इससे पहले मिली जानकारी के मुताबिक, प्रियंका गांधी होली के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि प्रियंका ने पिछले महीने कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने राजधानी लखनऊ में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ एक रोड शो भी किया था। प्रियंका को उत्तर प्रदेश की 42 लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। 80 सीटों वाले देश के सबसे बड़े सियासी सूबे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने सभी सीटों पर अकेले लड़ने का ऐलान किया था। पार्टी ने सपा-बसपा से गठबंधन पर बात नहीं बनने के बाद यह फैसला लिया था।
