Lok Sabha Election 2019: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। राजनाथ साल 2014 में भी लखनऊ से चुनाव जीते थे। सपा-बसपा ने यहां से पूनम महाजन को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस की तरफ प्रमोद कृष्णम उम्मीदवार है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सीट रही लखनऊ में अभी भी उनका नाम चलता है।

इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वाजपेयी के नाम पर वोट मांगने वालों में कांग्रेस उम्मीदवार भी शामिल हैं। प्रमोद को पार्टी ने पहले संभल से टिकट दिया है। उन्होंने वहां 1.52 फीसदी वोट ही हासिल किए थे। पिछले सप्ताह कांग्रेस उम्मीदवार कृष्णम ने वादा किया कि वो गुजरात में बनी सरदार पटेल के स्टैच्यू की तर्ज पर यहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार का स्टैच्यू का निर्माण कराएंगे।

साल 2014 में चुनाव प्रचार के दौरान राजनाथ सिंह ने दावा किया था कि लखनऊ से नामांकन करने के दौरान वाजपेयी जी ने उन्हें अंगवस्त्रम उपहार में दिया था। उस समय कांग्रेस से रीता बहुगुणा जोशी राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में थीं। हालांकि, राजनाथ सिंह ने यहां से 2.72 लाख के बड़े अंतर से चुनाव जीता था। बाद में रीता बहुगुणा जोशी ने कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गईं।

लखनऊ संसदीय सीट पर करीब 13 फीसदी मुस्लिम आबादी है। सभी पार्टियां इन्हें लुभाने में लगी रहती हैं। राजनाथ सिंह भी उनमें शामिल हैं। इस क्रम में राजनाथ ने मंगलवार को मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात की। इसमें मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महाली भी शामिल थे। मौलाना ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि यह मुलाकात गैर राजनीतिक थी और इसमें चुनाव के बारे में चर्चा नहीं हुई।

इससे पहले महागठबंधन की उम्मीदवार पूनम महाजन ने अमीनाबाद क्षेत्र में जनसभा की थी। एक सपा नेता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पार्टी को उम्मीद है कि मुस्लिम समुदाय पूरी तरह से सपा-बसपा गठबंधन के पक्ष में वोट करेगा। हम इन वोटों की एकजुटता के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं।

पूनम सिन्हा का कहना है कि वह मुस्लिम नेताओं से मिल रही हैं और आने वाले दिनों में यह मुलाकात जारी रहेगी। यहां 42 वर्षीय दुकानदार ओवैस गफ्फार का कहना है कि वह किसे भी वोट दे लेकिन यहां से राजनाथ सिंह ही जीतेंगे। उसने कहा कि जहां तक उसे याद है भाजपा यहां लंबे समय से जीत रही है।

उन्हें यहां पुराने लखनऊ में कुछ शियाओं का समर्थन प्राप्त है। वह एक अच्छे धर्मनिरपेक्ष नेता हैं। गोमती नगर में गन्ना रस विक्रेता 28 वर्षीय सिद्धार्थ का कहना है कि लखनऊ में लोगों के पास भाजपा को वोट देने के अलावा विकल्प नहीं है। सिद्धार्थ का कहना था कि हमें विपक्ष की तरफ से मजबूत उम्मीदवार उतारने की उम्मीद थी लेकिन उन्होंने कमजोर उम्मीदवार उतारा है।