Lok Sabha Election 2019: हिमाचल सरकार में ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा के पिता सुखराम और उनके बेटे आश्रय शर्मा ने भाजपा का दामन छोड़ फिर से कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
कांग्रेस सलमान खान के बहनोई अर्पित शर्मा के भाई आश्रय शर्मा को लोकसभा का टिकट दे सकती है। पिता सुखराम और बेटे आश्रय शर्मा के इस कदम से पिता अनिल शर्मा के लिए अजीबोगरीब स्थिति बन गई है।
मंत्री अनिल शर्मा का कहना है कि जब तक पार्टी उन्हें कुछ नहीं कहती वह ऊर्जा मंत्री के पद से इस्तीफा नहीं देंगे। अनिल शर्मा के पिता सुखराम पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता रह चुके हैं। सुखराम का मंडी क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव है।
सुखराम भाजपा में करीब डेढ़ साल तक रहे। बताया जा रहा है कि सुखराम के पोते आश्रय शर्मा को कांग्रेस मंडी से लोकसभा का टिकट दे सकती है। वहीं इस पूरे घटनाक्रम को लेकर इस्तीफा देने के सवाल पर राज्य सरकार में मंत्री अनिल शर्मा का कहना है कि वह वहीं करेंगे जो पार्टी नेतृत्व उनसे करने को कहेगा।
उन्होंने कहा कि यदि मैं मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दूं तो फिर भी मंडी से विधायक रहूंगा। मैं मंडी के लोगों की सेवा करता रहूंगा और भाजपा छोड़ने की मेरी कोई योजना नहीं है। अनिल शर्मा चार बार विधायक व एक बार राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं।
अपने पिता सुखराम और बेटे आश्रय के कांग्रेस में शामिल होने के बारे में अनिल शर्मा ने कहा कि भाजपा में शामिल होने से पहले (अक्टूबर 2017) आश्रय हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति का सचिव था। जब मैं भाजपा सरकार में मंत्री बना तो मैंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आश्रय को कुछ जिम्मेदारी देने की बात कही थी। लेकिन मुख्यमंत्री ने मेरे आग्रह को गंभीरता से नहीं लिया।
इसके अलावा भाजपा ने 2017 विधानसभा चुनाव में मंडी की 10 में से 9 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। यहां मेरे परिवार का मजबूत प्रभाव है लेकिन मुख्यमंत्री ने मंडी में भाजपा की जीत के पीछे मेरे पिता के योगदान को महत्व नहीं दिया। इन कारणों से मेरे पिता और बेटे ने पार्टी में खुद का अपमान समझकर यह कदम उठाया।
बेटे के खिलाफ नहीं करेंगे प्रचारः बेटे आश्रय को कांग्रेस की तरफ से टिकट मिलने पर भाजपा की तरफ से प्रचार करने के सवाल पर अनिल शर्मा ने कहा कि मैंने पार्टी से स्पष्ट रूप से कह दिया है कि यदि मेरा बेटा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ता है तो मैं उसके खिलाफ प्रचार नहीं करूंगा। मैं बिल्कुल तटस्थ रहूंगा। ना तो मैं भाजपा उम्मीदवार के लिए प्रचार करूंगा और ना ही अपने बेटे के लिए।