Lok Sabha Election 2019 में कांग्रेस महासचिव और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शनिवार (23 मार्च) एक समारोह में ऐलान किया कि दिग्विजय भोपाल से चुनाव लड़ेंगे। दिग्विजय करीब 15 सालों से कोई चुनाव नहीं लड़े हैं। वहीं भोपाल सीट पर 1989 के बाद से ही कांग्रेस को कभी लोकसभा चुनाव में जीत नहीं मिली। भोपाल सीट से कांग्रेस लगातार आठ बार चुनाव हार चुकी है। ऐसे में दिग्विजय को दिया गया मुश्किल सीट का चैलेंज पूरा होता दिख रहा है।

कमल नाथ का जताया आभारः कमल नाथ ने पिछले दिनों कहा था कि दिग्विजय को मुश्किल सीट से लड़ना चाहिए। ऐसे में कमल नाथ के ही प्रस्ताव पर केंद्रीय चुनाव अभियान समिति ने मुहर लगा दी है। दिग्विजय ने कहा था, ‘मेरे नेता राहुल गांधी हैं और वे जहां से कहेंगे मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं।’ उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित करने पर कमल नाथ का आभार भी जताया।

 

ऐसा रहा है दिग्विजय का करियरः पिता बालभद्र सिंह जनसंघ से जुड़े थे लेकिन दिग्विजय ने कांग्रेस की राह चुनी। उन्होंने राघौगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष के रुप में करियर की शुरुआत की थी। 1977 में वे पहली बार विधायक चुने गए थे। 1980 में फिर विधायक बने। 1984 में राजगढ़ से सांसद बने। इसके बाद उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया। हालांकि 1989 में वे चुनाव हार गए थे। 1991 में फिर सांसद बने। 1993 से 2003 तक दो बार वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। लेकिन इसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया था।