उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने का दावा कर रही है। कई मंचों से कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व इस बात का संकेत दे चुका है कि यूपी में उसका फोकस 2022 विधानसभा चुनाव है। लेकिन, इस दौरान भदोही जनपद की कांग्रेस जिलाध्यक्ष समेत कई पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। भदोही कांग्रेस की अध्यक्ष नीलम मिश्रा ने कांग्रेस महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के व्यवहार पर सवाल उठाए और अपनी नाराजगी जाहिर की।

नीमल मिश्रा के मुताबिक शनिवार को उन्होंने क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ प्रियंका से शिकायत की, लेकिन उन्होंने बात सुनने की बजाए, उनके खिलाफ कठोर शब्दों के इस्तेमाल किए। पीटीआई के मुताबिक नीलम मिश्रा ने कहा, “शुक्रवार को कांग्रेस उम्मीदवार रमाकांत यादव के समर्थन में प्रियंका गांधी की एक रैली का आयोजन किया गया, लेकिन किसी भी पदाधिकारी को रैली में आमंत्रित नहीं किया गया। इस संबंध में प्रियंका गांधी से शिकायत भी की गई।” आगे उन्होंने प्रियंका के व्यवहार पर कहा, “कांग्रेस महासचिव ने हमारी शिकायत पर कोई गौर नहीं फरमाया। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें इस प्रकरण (रैली में आमंत्रित नहीं किए जाने पर) से अपमान महसूस हो रहा है, तो वे अपमान महसूस करते रहें।” मिश्रा का कहना था कि चूंकि प्रियंका गांधी वाड्रा पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं, लिहाजा हम उनसे शिकायत करने पहुंचे थे।

कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद नीलम मिश्रा ने दावा किया कि वह सपा-बसपा के साझा उम्मीदवार रंगनाथ मिश्रा का समर्थन करेंगी। रविवार को उन्होंने प्रियंका पर आरोप लगाया कि वह कार्यकर्ताओं के साथ सही से पेश नहीं आ रही हैं और उन्हें हतोत्सहित करने का कर रही हैं। वहीं, भदोही के उपजिलाध्यक्ष ने कहा कि नीलम मिश्रा और उनके अन्य सहयोगियों ने जल्दबाजी में फैसला लिया है। चुनाव खत्म होने तक मामले को लेकर इंतजार करना होगा।