Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण का मतदान होने में लगभग एक सप्ताह का समय बचा है। इस बीच केंद्र सरकार ने आदिवासियों से जुड़ी अपनी फ्लैगशिप योजना के लिए अतिरिक्त फंड की मांग की है। सरकार इस फंड का प्रयोग लघु वन उत्पादों (एमएफपी) के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी वाले कार्यक्रम को लोगों तक पहुंचाने के लिए करेगी।
ईटी की खबर के अनुसार इस संबंध में 26 फरवरी को इस संबंध में नया दिशानिर्देश को अधिसूचित किया गया था। यह सब चुनाव की घोषणा के बाद आदर्श आचार संहिता लागू होने के महज कुछ दिन पहले ही किया गया। हालांकि, जनजातीय कार्य मंत्रालय ने शुरू में सोचा था कि उसे जमीनी स्तर तक योजना को पहुंचाने के लिए अतिरिक्त फंड की आवश्यकता नहीं होगी।
सरकार को अब नए वैल्यू एडिशन सेंटर्स और सभी स्टेक होल्डर्स की ट्रेनिंग के लिए अतिरिक्त फंड की जरूरत होगी। इस योजना की नोडल एजेंसी ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन (TRIFED) ने इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए व्यय विभाग से 1000 करोड़ रुपये अतिरिक्त मांगे हैं।
सूत्रों के अनुसार व्यय विभाग की अतिरिक्त फंड की जरूरत को समझने के लिए TRIFED से दो बार मीटिंग हो चुकी है। इस योजना को कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने मनरेगा की तरफ साल 2013-14 में शुरू किया था। सरकार के अनुसार पिछले पांच साल में इस योजना से सिर्फ 20000 आदिवासी परिवारों को ही फायदा पहुंचा है। इस तरह योजना के लक्ष्य 5 करोड़ आदिवासियों की तुलना में महज 1.34 लाख लोगों तक ही इस योजना का लाभ पहुंचा।
इस तरह इस योजना के तहत 90 फीसदी फंड का उपयोग ही नहीं किया गया है। 26 फरवरी को योजना में बदलाव के बाद TRIFED ने राज्यों में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं। सरकार ने लघु वन उत्पादों को एकत्रित करने में वैल्यू एडिशन के लिए श्रीश्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के साथ करार किया है।
आदिवासी सीटों पर हार के बाद लिया फैसलाः भाजपा ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सुरक्षित आदिवासी सीटों पर खराब प्रदर्शन के बाद इस दिशा में प्रयास तेज किया है। हाल के तीन राज्य में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सभी आदिवासी सुरक्षित क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया था। छत्तीसगढ़ ने 29 सुरक्षित सीटों में से कांग्रेस ने 24 पर जीत दर्ज की थी। वहीं मध्यप्रदेश की 47 सुरक्षित सीटों में पार्टी को 29 पर जीत मिली थी।

