Lok Sabha Election 2019: बिहार में नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भाजपा के लोकसभा के बीच मतभेद की खबरें सामने आ रही हैं। कहा जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी के घोषणा को लेकर अपने रौबदार सहयोगी भाजपा के जबरदस्त दबाव का सामना कर रहे हैं।
भाजपा नीतीश की पार्टी पर घोषणापत्र से कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को छोड़ने को कह रही है। टेलीग्राफ की खबर के अनुसार भाजपा चाहती है घोषणापत्र से अनुच्छेद 370, समान नागरिक संहिता और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा छोड़ दिया जाए। वहीं, नीतीश और उनकी पार्टी जदयू का अबतक इन तीनों मुद्दों पर अपना अलग रुख रहा है।
ये अनुच्छेद 370 की संरक्षण की बात कहते रहे हैं, जो जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता है। वहीं समान नागरिक संहिता मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए आस्था का विषय है। इसके साथ ही नीतीश या जेडीयू ने कभी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा के सुर में सुर नहीं मिलाया है। लेकिन भाजपा के हड़काने के बाद जेडीयू इन तीनों मुद्दों पर चुप्पी साधे हुई है।
इस स्थिति में जेडीयू नेतृत्व के समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करें। इन तीनों मुद्दों पर भाजपा के सामने घुटने टेक दे या इतने महत्वपूर्ण चुनाव के बीच अपने विरोध को दर्शाए। बताया जा रहा है जदयू का घोषणापत्र महासचिव केसी त्यागी, राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन वर्मा की टीम द्वारा तैयार किया जा चुका है। इसमें इन सभी मुद्दों को शामिल किया गया है।
इस घोषणा पत्र को 14 अप्रैल को जारी होना था लेकिन इसे टाल दिया गया। जदयू के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने अंतिम समय में महत्वपूर्ण बदलाव की मांग कर घोषणापत्र के जारी होने को लेकर दुविधा खड़ी कर दी। इसके बाद घोषणापत्र तैयार करने वाले केसी त्यागी को नीतीश ने पटना बुलाया गया कि कैसे भाजपा के इस रुख से निपटा जा सके। ऐसा लग रहा है नीतीश कुमार सहयोगी भाजपा के चुनाव प्रचार में असहाय नजर आ रहे हैं। बिहार में भाजपा और जदयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं जबकि एलजेपी के 6 सीटें दी गई हैं।
