Lok Sabha Election 2019: अक्टूबर 2007 में सूफी दरगाह अजमेर शरीफ में हुए धमाके में 3 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 17 लोग घायल हो गए थे। दरगाह के खादिम मोहम्मद मुस्तकिम आज भी इस वारदात को याद कर सिहर उठते हैं। एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में मुस्तकिम ने अपने दिल की बात बयां की है। बता दें कि इस धमाके में शुरुआती तौर पर प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर भी शक था। एनआईए ने इस मामले में जांच के बाद सबूतों के अभाव में प्रज्ञा को बरी कर दिया था। प्रज्ञा को सितंबर 2008 में हुए मालेगांव धमाकों में भी एजेंसी ने बरी कर दिया था, लेकिन ट्रायल कोर्ट ने उस फैसले को पलट दिया। अब मालेगांव धमाकों के मामले में ट्रायल का सामना कर रहीं प्रज्ञा फिलहाल जमानत पर हैं और मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।

अंग्रेजी अखबार द टेलिग्राफ से बातचीत में मुस्तकिम ने हैरानी जाहिर करते हुए कहा, ‘आतंक पर सख्त पीएम नरेंद्र मोदी आखिर कैसे आतंकवाद की आरोपी को लोकसभा चुनाव में उतार सकते हैं?’ उनका मानना है, ‘ऐसा पहली बार है, जब आतंकवाद के आरोपों का सामना कर रहा कोई शख्स देश में चुनाव लड़ रहा है।’ 60 साल के मुस्तकिम ने कई दूसरे सवाल भी उठाए। मसलन- अगर मालेगांव धमाके के पीड़ित हिंदू होते तो भी बीजेपी प्रज्ञा को टिकट देती? अगर प्रज्ञा मुस्लिम होती तो क्या उसे टिकट दिया जाता? अगर कोई दूसरी पार्टी आतंकवाद के आरोपी को उतारती तो बीजेपी उसे बख्श देती? उन्होंने कहा, ‘कोई ये सवाल बीजेपी से क्यों नहीं पूछ रहा? बीजेपी जज बनकर यह बताती रहती है कि कौन राष्ट्रवादी है और कौन देशद्रोही लेकिन अब खुलकर एक आतंकवाद की आरोपी को समर्थन दे रही है?’

अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, अजमेर के हाई स्कूल टीचर ब्रजेश पांडेय भी मोदी पर आतंकवाद पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘मोदी प्रज्ञा का बचाव कर रहे हैं जो कभी अजमेर धमाके में संदिग्ध थीं और अब मालेगांव धमाकों के मामले में ट्रायल का सामना कर रही हैं। पीएम यह सही नहीं कर रहे।’

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