Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) को बड़ा झटका लगा है। सपा सरकार में मंत्री रहीं अरुणा कोरी ने पार्टी अध्य्क्ष अखिलेश यादव को अपना इस्तीफा भेजा दिया है। बताया जा रहा है कि अरुणा मिश्रिख लोकसभा सीट से शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा) की उम्मीदवार होंगी। अरुणा ने सपा पर डॉ राममनोहर लोहिया की विचारधारा से भटकने का आरोप लगाया है।
दो बार विधायक और मंत्री रह चुकी: बता दें कि अरुणा कोरी सपा सरकार में दो बार विधायक और महिला कल्याण मंत्री रह चुकी हैं। उन्होंने 1998 में समाजवादी पार्टी ज्वाइन की थी। उन्हें मुलायम और शिवपाल सिंह यादव का करीबी माना जाता है। अरुणा को सपा ने सबसे पहले 1999 में घाटमपुर विधानसभा से कैंडिडेट बनाया था। लेकिन वो बसपा कैंडिडेट से मामूली अंतर से चुनाव हार गई थी। इसके बाद उन्होंने 2002 में कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा से चुनाव से लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल की थी। अरुणा कोरी को 2012 में बिल्हौर विधानसभा से कैंडिडेट बनाया गया और उन्होंने फिर बड़े अंतराल से जीत दर्ज की थी। हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में अरुणा कोरी कानपुर देहात की रसूलाबाद सीट से चुनाव हार गई थी।
विधासभाओ की अदला बदली से हारी थी चुनाव: बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने रसूलाबाद विधासभा से तीन बार के विधायक रहे शिव कुमार बेरिया को बिल्हौर विधानसभा से कैंडिडेट बनाया था और अरुणा कोरी को बिल्हौर विधासभा छोड़ कर रसूलाबाद से टिकट दिया था। लेकिन इसका नतीजा यह हुआ कि दोनों ही नेताओ को हार का सामना करना पड़ा था। तब पूर्व कैबिनेट मंत्री बेरिया और अरुणा कोरी ने अखिलेश यादव पर हार का आरोप मढ़ा था। उन्होंने कहा था कि विधासभाओ की अदला बदली करने की वजह से हमें हार का सामना करना पड़ा है।
बेरिया पहले ही छोड़ चुके हैं सपा: बता दें कि शिवकुमार बेरिया पहले ही सपा छोड़ कर शिवपाल की प्रसपा में जा चुके हैं। बेरिया के कानपुर देहात की अकबरपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकले चल रही है। वही अरुणा कोरी मिश्रिख लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेगी। मिश्रिख लोकसभा सीट बसपा की प्रभाव वाली सीट मानी जाती है।

