पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत को लेकर ‘‘अड़चन’’ पैदा करने के लिये भाजपा की आलोचना करते हुए पूछा कि आखिर भगवा पार्टी इसे जीतने के लिये कितने ‘‘तिकड़म इजाद करेगी।’’ चिदंबरम ने कई ट्वीट कर कहा कि उच्चतम न्यायालय की वजह से ही आज शक्ति परीक्षण हो रहा है और ऐसी टिप्पणी की जा रही थी कि यह विशुद्ध रूप से राज्य का मामला है। पार्टियों ने राज्य के उच्च न्यायालय में विश्वास नहीं दिखाया। कांग्रेस एवं जेडीएस गठबंधन ने हाईकोर्ट की बजाय सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सबसे पहले 15 दिन का मौका। दूसरा एंग्लों इंडियन सदस्य। तीसरा गुप्त मतदान। चौथा विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष के साथ मिलीभगत। पांचवें की तलाश चल रही है।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले भाजपा आखिर कितने पैंतरे इजाद करेगी? आखिर वे कितनी अड़चनें डालेंगे?’’ पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री ने कहा कि अगर 221 निर्वाचित विधायक (पुरूष एवं महिलाएं) यह फैसला नहीं कर सकते कि उनमें से कौन बहुमत रखता है तो ‘‘हम खुद को एक लोकतंत्र’’ क्यों कहते हैं?’’
बीएस येदियुरप्पा की भाजपा सरकार को आज शक्ति परीक्षण का सामना करना है। गत 12 मई को हुए मतदान में जनता ने खंडित जनादेश दिया है। 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए मतदान में भाजपा को 104 सीटें, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीटें मिली हैं। दो निर्वाचन क्षेत्रों में विभिन्न कारणों से मतदान नहीं हो सका। कांग्रेस और जेडीएस ने मतगणना के परिणाम आने के बाद गठबंधन बनाया और सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
गौरतलब है कि राज्य में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। प्रदेश की 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस+ को 38 सीटें मिली हैं। फिलहाल, बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 111 है क्योंकि कुमारस्वामी दो सीटों से चुनाव जीते हैं।
जब 221 निर्वाचित पुरुष और महिलाएं यह तय नहीं कर सकते कि उनमें से कौन बहुमत के विश्वास का आनंद लेता है! हम खुद को लोकतंत्र क्यों कहते हैं?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 19, 2018