Karnataka Elelction 2023 : कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को मतदान होना है, 13 मई को परिणाम सामने आएंगे। इससे पहले सभी की नज़र राज्य की प्रमुख सीटों पर हैं। इसमें एक नाम शिकारीपुरा सीट का भी है। यह सीट शिमोगा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत आती है। क्यों यह सीट खास मानी जा रही है और क्या रहा है यहां का चुनावी गणित, आइए जानते हैं। शिकारीपुरा विधानसभा में कुल 1,84,956 मतदाता हैं। जिसमें 93,923 पुरुष, 90,958 महिलाएं हैं।
2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से बीएस येदियुरप्पा इस सीट से चुनावी मैदान में थे। उन्हें 86983 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी गोनी मलातेशा (Goni Malatesha) को 51586 वोट हासिल हुए थे।
येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र हैं चुनावी मैदान में
भाजपा के कद्दावर नेता बीएस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र ने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को शिवमोग्गा जिले के शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। उनके सामने कांग्रेस की ओर से गोनी मलातेशा (Goni Malatesha) चुनावी मैदान में हैं।
येदियुरप्पा का गढ़
शिकारीपुरा को येदियुरप्पा का गढ़ कहा जाता है। यह सीट राज्य की एकमात्र विधानसभा सीट है जहां 1983 के बाद सिर्फ दो हार के अलावा भाजपा ने लगातार जीत हासिल की है। बीजेपी पहली बार इस सीट पर 1999 में हारी थी जब येदियुरप्पा के सामने उन्हें एक कांग्रेस उम्मीदवार ने कड़ी टक्कर दी थी। दूसरी बार हार 2013 में हुई जब येदियुरप्पा ने भाजपा से अलग होने के बाद कर्नाटक जनता पक्ष (केजेपी) नामक एक नया संगठन बनाया था। इसके चलते भाजपा ने खराब प्रदर्शन किया था।
शिकारीपुरा भाजपा के राज्य में लड़े गए पहले चुनाव में उन 18 सीटों में से एक थी जिसे भाजपा ने जीता था। येदियुरप्पा ने कांग्रेस के के येनकटप्पा को हराया था और उन्हें 64.2% वोट मिले थे। दरअसल, इससे पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। 1985 में भाजपा को राज्य में दो सीटें मिली थीं, उनमे से भी एक शिकारिपुरा थी।
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इसके बाद 1989, 1994 में भी भाजपा ने इस सीट से जीत हासिल की थी लेकिन पार्टी को 1999 में हार का सामना करना पड़ा था। 2004 में येदियुरप्पा ने पांचवीं बार शिकारीपुरा जीतकर कांग्रेस के शेखरप्पा के को 19,953 मतों से हराया था। उन्होंने 2008 में फिर से यह सीट जीती थी। इसलिए उनका इस सीट पर दबदबा दिखाई देता है।