बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के कई निवर्तमान मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष चुनाव हार गए। हालांकि, बोम्मई ने हावेरी जिले के शिग्गांव निर्वाचन क्षेत्र से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के यासिर अहमद खान पठान को 35,341 मतों के अंतर से हराकर लगातार चौथी बार जीत दर्ज की।
भाजपा नेता एवं विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी भी हारे
जो मंत्री चुनाव हार गए उनमें गोविंदा करजोल (मुधोल), जेसी मधुस्वामी (चिकनैकानाहल्ली), बीसी पाटिल (हिरेकेरूर), शंकर पाटिल मुनेना कोप्पा (नवलगुंड), हलप्पा आचार (येलबुर्गा), बी श्रीरामुलु (बेल्लारी), के सुधाकर (चिक्कबल्लापुरा), बी सी नागेश (टिप्तुर), मुरुगेश निरानी (बिल्गी), बी सी पाटिल (हिरेकेरूर) और एमटीबी नागराज (होसकोटे) शामिल हैं। भाजपा नेता एवं विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी भी सिरसी सीट पर चुनाव हार गये। मंत्री वी सोमन्ना दो क्षेत्रों वरुणा और चामराजनगर से चुनाव हार गये। उन्होंने इन दोनों सीट से चुनाव लड़ा था। मंत्री आर अशोक भी दो निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़े थे। वह पद्मनाभनगर से फिर से चुने गए, लेकिन कनकपुरा सीट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
बोम्मई सरकार के 11 मंत्रियों ने जीत दर्ज की
ऐसा नहीं है कि सभी मंत्री हार गए हैं। ग्यारह मंत्रियों ने जीत भी दर्ज की। इनमें गृह मंत्री अरागा ज्नानेंद्रा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सीएन अस्वथानारायण, पीडब्लूडी मंत्री सीसी पाटिल, पशुपालन मंत्री प्रभु चौहान, शहरी विकास मंत्री ब्वरती बसावराय, आबकारी मंत्री के गोपीनाथ, हज एवं वक्फ मंत्री शशिकला जोले, संस्कृति मंत्री सुनील कुमार, बागवानी मंत्री मुनीरथना नायडू, श्रम मंत्री एएस हब्बर और राज्य मंत्री एसटी सोमशेखर शामिल हैं।
राजनीति परिवार से जुड़े कुछ उम्मीदवार जीते, कुछ हारे
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम राजनीतिक परिवारों से जुड़े उम्मीदवारों के लिए एक जैसे नहीं रहे हैं। ये परिणाम किसी के लिए खुशी तो किसी के लिए मायूसी लेकर आए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र ने अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र शिकारीपुरा से जीत हासिल की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने चित्तापुर सीट से तीसरी बार जीत हासिल की है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पुत्र और जनता दल (सेकु) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने अपने गढ़ चन्नापटना से जीत हासिल की। पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा के सीपी योगेश्वर को हराया। दूसरी ओर, एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल रामनगरम से हार गए। वहीं, एचडी देवेगौड़ा के बेटे एचडी रेवन्ना ने कांग्रेस के श्रेयस पटेल को हराकर होलनरासीपुर सीट पर जीत हासिल की। बेल्लारी खनन कारोबारी जी जनार्दन रेड्डी के भाई जी सोमशेखर रेड्डी बेल्लारी सिटी निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के नारा भरत रेड्डी से हार गए।
कुछ को हुआ दल बदलने से फायदा
विधानसभा चुनाव से पहले कई नेताओं ने अपनी पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी का दाम इस विश्वास के साथ थामा था कि वहां जाकर उनकी नैय्या पार लग जाएगी। हालांकि, कुछ नेताओं का यह विश्वास सही भी साबित हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री और लिंगायत समुदाय के बड़े नेता जगदीश शेट्टर को जब भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो वह कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस ने उन्हें हुबली-धारवाड़ केंद्रीय विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा लेकिन वे करीब 30 हजार मतों से अपना चुनाव हार गए।
चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी अथानी से अपना चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार को 76 हजार मतों के अंतर से हराया। दल (सेकु) से तीन बार के विधायक रहे के एम शिवलिंग गौड़ा ने अप्रैल में कांग्रेस का हाथ थामा था। शिवलिंग गौड़ा ने कांग्रेस के टिकट पर अर्सिकेरे विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। इसी साल मार्च में दल (सेकु) से कांग्रेस में गए तीन बार के विधायक आरएस श्रीनिवास ने गोब्बी विधानसभा सीट से जीत हासिल की। पिछले साल दिसंबर में भाजपा से कांग्रेस में गए उजनेश्वर बसवन्नप्पा बनाकर ने हिरेकेरुर विधानसभा सीट से भाजपा के बसवनगौडा पाटिल को हराया।
भाजपा के कद्दावर नेता सीटी रवि हारे
राज्य में भाजपा के कद्दावर नेता सीटी रवि चुनाव हार गए। उन्हें कांग्रेस के एचडी थम्मैया ने हराया है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और चिकमंगलूर सीट से चार बार के विधायक रहे सीटी रवि ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि मैं अपनी हार स्वीकार करता हूं। इतने सालों तक समर्थन देने के लिए मैं चिकमगलूर की जनता का शुक्रिया अदा करता हूं।
भावुक शिवकुमार ने कहा, सोनिया से किया वादा निभाया
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित नजर आने के बाद शनिवार को भावुक हो गए और प्रदेश का नेतृत्व करने के लिए उनमें विश्वास जताने के लिए गांधी परिवार का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मैंने सोनिया गांधी से वादा किया था कि आपको कर्नाटक जीत कर दूंगा। आज मैंने अपना वादा निभाया है।
एक दिन प्रचार, एक लाख से अधिक मतों से जीत
शिवकुमार राज्य में चुनाव प्रचार की रणनीति बनाने और भागदौड़ के कारण अपने निर्वाचन क्षेत्र कनकपुरा में प्रचार के लिए सिर्फ एक दिन का ही समय निकाल पाए। लेकिन क्षेत्र की जनता का उनके लिए इतना प्यार है कि उन्होंने 1.22 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज की। शिवकुमार ने 1989 से अपनी जीत के सिलसिले को बरकरार रखते हुए शनिवार को कनकपुरा सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 1,22,392 मतों के भारी अंतर से हराया। शिवकुमार लगातार आठवीं बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। शिवकुमार को 1,43,023 वोट जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी जद (एस) प्रत्याशी बी. नागराजू को 20,631 वोट मिले। वहीं, भाजपा उम्मीदवार आर. अशोक 19,753 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। शिवकुमार की जीत का अंतर 2018 की तुलना में अधिक रहा, तब उन्होंने जद (सेकु) के उम्मीदवार नारायण गौड़ा को 79,909 मतों के अंतर से हराकर इस सीट पर जीती दर्ज की थी।