कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। राज्य की 224 में से 135 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हो गया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी 66 सीटों पर ही सिमट गई। वहीं, एचडी कुमारस्वामी की पार्टी जेडी(एस) महज 19 सीटें ही जीत सकी। इस बार के चुनाव में कई सियासी बदलाव हुए, जिन्होंने इन चुनावों को काफी दिलचस्प बना दिया। इस बीच कर्नाटक की जयानगर विधानसभा सीट की भी खूब चर्चा है। इस पर री-काउंटिंग ने पूरा का पूरा खेल बदलकर रख दिया और जो उम्मीदवार हार रहा था उसने 16 वोटों से जीत दर्ज की।

इस सीट पर कांग्रेस विधायक सौम्या रेड्डी ने 160 वोटों से यह सीट जीत ली, लेकिन जब दोबारा काउंटिंग की गई तो, भाजपा उम्मीदवार राममूर्ति महज 16 वोटों से जीत गए। इस दौरान, दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मतगणना केंद्र एसएसआरएमवी पीयू कॉलेज पर जमकर बवाल किया। पहले 16 राउंड की काउंटिंग में रेड्डी को 57,591 वोटों के साथ विजेता घोषित कर दिया गया। लेकिन राममूर्ति री-काउंटिंग के लिए अड़ गए और चुनाव आयोग भी इस पर सहमत हो गया।

वोटों की गिनती दोबारा हुई तो दोनों उम्मीदवारों की किस्मत पलट गई और जो उम्मीदवार विजेता घोषित की गईं वह 16 वोटों से हार गईं। इसके बाद कांग्रेस ने हंगामा शुरू कर दिया और कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार और कांग्रेस उम्मीदवार सौम्या रेड्डी के पिता समेत पार्टी के कई बड़े नेता देर रात मतगणना केंद्र पहुंचे। कांग्रेस नेता यहां धरने पर बैठ गए और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी मशीनरी की दुरुपयोग किया जा रहा है। इस दौरान, यहां माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया। बीबीएमपी चीफ कमीश्नर और बेंगलुरु डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर तुषार गिरिनाथ भी मतगणना केंद्र पर पहुंचे।

एक घंटे तक यह तनावपूर्ण माहौल चला, जिसके बाद राममूर्ति मतगणना केंद्र से निकले और मुस्कुराते हुए विक्टरी साइन दिखाया। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई और मतगणना केंद्र के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं का जश्न शुरू हो गया। घंटे भर की नारेबाजी के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता चुप हो गए और तितर-बितर हो गए। चुनाव आयोग ने रात को 1 बजे फाइनल रिजल्ट की घोषणा की। इसके मुताबिक, कांग्रेस उम्मीदवार सौम्या रेड्डी को 57,781 वोट मिले, जबकि राममूर्ति को 57,797 वोट हासिल हुए।