कर्नाटक चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ जीतने के बाद कांग्रेस के सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगला मुख्यमंत्री कौन रहने वाला है। अब उसी का फैसला लेने के लिए बेंगलुरू में पार्टी की विधायक दल की बैठक हुई है। बैठक में सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहे और मंथन किया गया। अब उस बैठक के बाद कहा जा रहा है कि कर्नाटक को उसका नया मुख्यमंत्री दो से तीन दिनों के अंदर में मिल जाएगा, वहीं ये फैसला इस बार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दिया गया है।
किसकी ताजपोशी, कांग्रेस का मंथन
अभी के लिए एक तरफ डीके के समर्थक पोस्टर लगा जोर देकर कह रहे हैं कि इस बार उन्हें ही मुख्यमंत्री बनना चाहिए तो वहीं दूसरी तरफ सिद्धारमैया के बेटे कह चुके हैं कि वे अपने पिता को फिर सीएम बनते देखना चाहते हैं। यानी कि दोनों तरफ ही महत्वाकांक्षाओं का जबरदस्त टकराव है, अब किसकी ताजपोशी होती है, इसी का फैसला होना है। वैसे मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि सीएम चेहरे को लेकर हाईकमान फैसला लेना वाला है। इसी वजह से खड़गे ने दिल्ली में गांधी परिवार से एक अहम मुलाकात भी की। लेकिन उनके इस एक बयान के बाद ही बैठक में सबकुछ बदल गया और अब गेंद खड़गे के ही पाले में आ गई है।
अभी के लिए सीएम रेस में दो ही नाम पर चर्चा चल रही है- डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया। दोनों नेताओं की तरफ से जमीन पर अपने पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिया गया है। एक तरफ सिद्धारमैया ने अपने समर्थकों के साथ खड़गे से मुलाकात की है, तो वहीं दूसरी तरफ डीके के समर्थकों ने जमीन पर ही नारेबाजी के जरिए माहौल बनाया। वैसे माना जा रहा है कि सीएम को लेकर अंतिम फैसला एक बार फिर कांग्रेस हाईकमान का ही रहने वाला है।
तीन पर्यवेक्षक, किसके पक्ष में होगा फैसला?
जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस अहम फैसले के लिए तीन पर्यवेक्षक नियुक्त नियुक्त कर दिए हैं। उनकी तरफ से सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक बनाया गया है। ये सभी विधायक दल की बैठक में मौजूद है और हर नेता के विचारों को सुना जा रहा है। इस समय एक तरफ सिद्धारमैया के साथ अनुभव जुड़ा है, स्थानीय नेता के तौर पर जबरदस्त लोकप्रियता है, तो वहीं दूसरी तरफ डीके शिवकुमार कांग्रेस पार्टी के लिए संकटमोचक माने जाते हैं। खुद डीके कहते हैं कि उन्होंने पार्टी के लिए कई मौकों पर कुर्बानी दी है, ऐसे में सहानुभूति वाला दांव उन्होंने पहले ही चल दिया है।
कर्नाटक का जनादेश क्या रहा?
कर्नाटक चुनाव के नतीजों की बात करें तो इस बार कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत दर्ज की है, यानी कि बहुमत से कई सीटें ज्यादा। दूसरी तरफ बीजेपी सिर्फ 66 सीटें ही अपने नाम कर पाई और जेडीएस 19 के फेर में फंस गई। इस तरह ये चुनाव पूरी तरह कांग्रेस का रहा जहां पर शुरुआत से लेकर अंत तक सबकुछ उसके पक्ष में गया।