कर्नाटक में नए विधानसभा के लिए 12 मई को वोट डाले गए थे। अब दो दिनों के बाद बादामी से 1,000 से ज्‍यादा पोस्‍टल बैलट के कवर बरामद किए गए हैं। इससे संदेह के बादल और गहरे हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पोस्‍टल बैलट के सैंकड़ों कवर बादामी के एक होटल से बरामद किए गए हैं। ये सभी भाजपा कार्यकर्ता के पास से मिले हैं। बताया जाता है कि उस वक्‍त बीजेपी वर्कर इसे कथित तौर पर खोल रहे थे। जिस होटल से पोस्‍टल बैलट बरामद किए गए हैं, वह भाजपा के एक नेता का है। कर्नाटक में सत्‍तारूढ़ कांग्रेस ने पोस्‍टल बैलट कवर की बरामदगी के बाद चुनाव आयोग की भूमिका की जांच कराने की मांग की है। मालूम हो कि कर्नाटक में वोटिंग से कुछ दिनों पहले बेंगलुरु के एक फ्लैट से करीब 10 हजार फर्जी आईडी बरामद किए गए थे। जिस फ्लैट से आईडी बरामद किए गए थे, कांग्रेस और भाजपा उसे एक-दूसरे से जुड़ा हुआ बता रहे थे। भाजपा ने चुनाव आयोग से राजराजेश्वरी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव को रद्द करने की मांग की थी। बाद में आयोग ने चुनाव को टाल दिया था। यह फ्लैट राजराजेश्‍वरी विधानसभ क्षेत्र में ही स्थित है। उसके बाद अब बादामी में सैकड़ों की संख्‍या में पोस्‍टल बैलट के कवर बरामद किए गए हैं। बता दें मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया बादामी से चुनाव मैदान में उतरे थे।

कर्नाटक में 12 मई को हुए चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ मतदान हुए थे। अब जारी एग्जिट पोल में ज्‍यादातर में त्रिशंकु विधानसभा होने की संभावना जताई गई है। हालांकि, अधिकांश में भाजपा के सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आने की बात कही गई है। स्‍पष्‍ट बहुमत न मिलता देख भाजपा और कांग्रेस ने अभी से ही रणनीतिक समीकरण बनाने में जुट गए हैं। कांग्रेस ने तो अपने दो विशेष प्रतिनिधियों को कर्नाटक भेज दिया है, ताकि गोवा जैसे हालात उत्‍पन्‍न न हों। गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी, लेकिन सरकार बनाने से चूक गई थी। इस बार कांग्रेस किसी भी तरह की चूक नहीं करना चाहती है। वहीं, भाजपा पहले से ही संगठित तरीके से अपनी रणनीति पर काम कर रही है। वरिष्‍ठ नेता हालात पर नजर बनाए हुए हैं।