कर्नाटक में कांग्रेस और जेडी(एस) एक साथ आकर भले ही संतुष्ट न हों, मगर 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बड़े विपक्षी गठबंधन के आकार लेने की दिशा में यह टेस्ट केस बन रहा है। गठबंधन के लिए दोनों पक्षों ने समझौता करने का फैसला किया। कर्नाटक में बीजेपी को किसी भी कीमत पर सत्ता में आने से रोकने के लिए शीर्ष विपक्षी नेताओं ममता बनर्जी, सीताराम येचुरी, के चंद्रशेखर राव और बसपा मुखिया मायावती ने जेडी(एस) मुखिया और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा से बात की थी, ताकि वह धर्मनिरपेक्षता के आधार पर बीजेपी के खिलाफ डटें रहें और कांग्रेस का साथ दें।इससे पहले ममता बनर्जी पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा को सुझाव दे चुकी थीं कि चुनाव पूर्व गठबंधन की स्थिति में जेडी(एस) और कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन कर सकतीं हैं।हालांकि बीजेपी को नतीजे आने के दोपहर तक यह अंदाजा नहीं था कि बहुमत से कम उसे सीटें मिलेंगी।
सूत्र बताते हैं कि नतीजे आने से पहले ही कांग्रेस ने तय कर लिया था कि अगर 90 से कम सीटें रहेंगी तो वह एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में जनता दल सेक्युलर की सरकार बनाने में समर्थन देगी।रविवार की रात जब गुलाम नबी आजाद जेडीएस के दानिश अली से मिले तो उन्होंने यह बात कही। यह भी निर्णय लिया गया कि अगर ऐसी परिस्थिति बनती है तो दोनों दल बिना किसी देरी के निर्णय लेकर सरकार बनाने का दावा ठोकेंगे। सूत्र बताते हैं कि सोमवार की रात जैसे ही सिंगापुर से कुमारस्वामी पहुंचे, उन्हें कांग्रेस ने समर्थन का संदेश दिया। यह संदेश पाकर कुमारस्वामी आश्चर्यचकित रहे कि देश की सबसे पुरानी पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाह रही।कांग्रेस का संदेश देवगौड़ा तक भी पहुंचाया गया था।
सूत्रों ने बताया कि गिनती शुरू होने से पहले ही सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी देवगौड़ा के संपर्क में थे।जब रिजल्ट आ गया और कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा तो साढ़े 12 बजे गुलाम नबी आजाद ने जेडीएस से संपर्क कर बिना शर्त समर्थन की बात कही।आजाद ने बताया कि यह फैसला हाईकमान के स्तर से हुआ है, जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी शामिल थे। नतीजे कुमार स्वामी के लिए झटका थे। क्योंकि बीजेपी देवगौड़ा परिवार के गढ़ हसन भी जीती थी।
उन्होंने महसूस किया कि जेडी(एस) को बीजेपी की बी टीम बताने के कैंपेन शुरू होने के कारण मुस्लिम वोट कांग्रेस में शिफ्ट हो गया, जिसके कारण जेडीएस को नुकसान हुआ।यहां तक कि मंडा की रैली में राहुल गांधी ने जनता दल सेक्युलर को जनता दल संघ परिवार करार दिया था। जिसके बाद से जनता में यह संदेश गया कि जेडीएस बीजेपी के साथ सरकार बना सकती है।बहरहाल कांग्रेस और जेडी(एस) दोनों अपने विधायकों की बीजेपी की ओर से तोड़फोड़ की आशंकाओं को देखते हुए सतर्क हैं। बताया जा रहा है कि बीजेपी की नजर से बचाने के लिए विधायकों को कर्नाटक से बाहर भी ले जाया जा सकता है।