मध्य प्रदेश सहित 2 और राज्यों में वोटिंग हो चुकी है और 11 दिसंबर को जनता का फैसला सभी के सामने होगा। ऐसे में स्ट्रांग रूम की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस कई बार चुनाव आयोग पर हमला कर चुकी है। जिसके बाद शिवराज ने कांग्रेस पर तीखा वार किया। जिसके बाद कांग्रेस की तरफ से शिवराज पर कमलनाथ ने पलटवार किया और कहा कि प्रदेश में हर हाल में कांग्रेस की सरकार बनने वाली है। सीएम मतगणना में गड़बड़ी करने की तैयारी करने के उद्देश्य से बांधवगढ़ गए हैं।
क्या बोले कमलनाथ
कमलनाथ ने कहा कि मतगणना से पांच दिन पहले कैबिनेट की बैठक बुलाकर शिवराज ये दिखावा कर रहे हैं कि उन्हें किसाना और जनता की बहुत चिंता है। जनता जानती हैं कि उन्होंने 15 साल में कैसे और क्या क्या काम किए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवराज ने जो भी कहा वो चुनाव कार्य में लगे हजारों कर्मचारियों का अपमान था। उन्होंने ईवीएम में हो रही गड़बड़ी पर एक भी शब्द नहीं कहा और इससे ही साफ दिख रहा है कि इस गड़बड़झाले को सीएम का संरक्षण मिल रहा है।
कमलनाथ की चुनाव आयोग से मांग
कमलनाथ ने दावा करते हुए कहा कि सरकार कितनी भी गड़बड़ियां क्यों न कर ले जनता कांग्रेस का ही साथ देगी। कमलनाथ ने चुनाव आयोग से मांग रखी कि वो शिवराज सिंह चौहान के मतदान के बाद उनके सभी दौरों, मुलाकातों और बांधवगढ़ यात्रा पर नजर रखे। इसके साथ ही कमलनाथ ने कहा कि उनके पास पुख्ता जानकारी है कि छुट्टियों के बहाने बांधवगढ़ जा रहे शिवराज की रिटर्निंग अफसर्स से मुलाकात की तैयारी है, ताकि मतगणना में गड़बड़ी की जा सके। इसलिए चुनाव आयोग मतगणना के पूर्व चुनावी कार्य में लगे अधिकारियों को जो शिवराज से मुलाकात कर रहे हैं, उन्हें भी निगरानी में रखें।
क्या बोले थे शिवराज
शिवराज ने हमला करते हुए कहा था कि कांग्रेस की नजर में प्रशासन, पुलिस और चुनाव आयोग बेईमान है। आखिर कांग्रेस को किस पर भरोसा है फिर, कांग्रेस प्रशासन पर दवाब बना रही है। वो लोग जो उम्मीदवार नहीं हैं, वो भी स्ट्रांग रूम में जा रहे हैं। कांग्रेस चुनाव को मजाक बनाने की कोशिशि कर रही है। शिवराज के हमले यही नहीं रूके और कहा कि कांग्रेस अपनी हार का पूर्वानुमान लगा चुकी है। इसके साथ ही शिवराज ने कहा-
– आचार संहिता के पालन में चुनाव आयोग ने हम पर भी सख्ती बरती। मेरे साथ भी कई बार ऐसा हुआ कि जहां जाना था वहां नहीं जा पाया। लेकिन मैंने कभी शिकायत नहीं की।
– चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा करने से आखिर किसना भला होने वाला है। ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस संवैधानिक संस्थआओं की मर्यादा और निष्पक्षता पर संदेह कर रही है।