कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सोशल जस्टिस के नारे को बुलंद करने पर फोकस किया है। इसके पीछे कई उदाहरण हैं, जैसे पार्टी ने दलित समुदाय के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया। वहीं राहुल गांधी ने सामाजिक न्याय और जिसकी जितनी आबादी, उतनी हिस्सेदारी के नारे को अब हर चुनावी रैली में इस्तेमाल में लेना शुरू कर दिया है। इसके बाद कांग्रेस ने जातीय जनगणना की वकालत भी की है और बिहार सरकार की तारीफ में कसीदे भी पढ़े हैं। कांग्रेस पहले ही कुछ राज्यों में ओबीसी आरक्षण को 27 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रयास कर चुकी है। अब सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनावों में ओबीसी वर्ग से आने वाले लोगों को इस नारे की बुनियाद पर उम्मीदवार बनाया है या नहीं।

मध्यप्रदेश : कांग्रेस की लिस्ट

द प्रिंट ने एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें कांग्रेस उम्मीदवारों से जुड़ा डेटा इकट्ठा किया गया है। मध्यप्रदेश चुनाव में कांग्रेस ने कुल 230 उम्मीदवारों में से 36 प्रतिशत यानी 83 टिकट ऊंची जातियों से आने वाले लोगों को दिए हैं। कांग्रेस ने अपने 27 प्रतिशत उम्मीदवारों यानी 62 टिकट पिछड़ी जाति को दिए हैं। वहीं 21 प्रतिशत यानी 48 टिकट अनुसूचित जाति से और 15 प्रतिशत यानी 35 टिकट अनुसूचित जनजाति से मैदान में उतारा गया है। एक को छोड़कर सभी एससी और एसटी उम्मीदवारों को आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों में नामांकित किया गया है। हैरानी की बात यह है कि पार्टी ने मुसलमानों को केवल दो टिकट दिए हैं।

राज्य सरकार द्वारा मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में प्रस्तुत आंकड़ों के मुताबिक ओबीसी राज्य की आबादी का 51 प्रतिशत है। उस स्थिति में मध्य प्रदेश की आबादी में ऊंची जातियां लगभग 10 प्रतिशत हैं। इसके बावजूद कांग्रेस ने 36 फीसदी टिकट ऊंची जातियों को दिए हैं। जबकि राज्य की आधी से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले ओबीसी को केवल 27 फीसदी टिकट (62 उम्मीदवार) दिए गए हैं।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार पार्टी ने 27 प्रातिशत टिकट ओबीसी उम्मीदवारों को दिए हैं जो सत्ता में आने पर सरकारी नौकरियों में ओबीसी समुदाय को 27% आरक्षण प्रदान करने के पार्टी के वादे के मुताबिक है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में एक रैली के दौरान कहा था कि अगर उनकी पार्टी केंद्र में सत्ता में आती है तो देश में रहने वाले ओबीसी लोगों की सही संख्या जानने के लिए जाति-आधारित जनगणना कराएगी।

कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा कि ओबीसी उम्मीदवारों के लिए कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है क्योंकि पार्टी ने टिकट वितरण में “सही” जाति और सामुदायिक संतुलन बनाने की कोशिश की है। 148 गैर-आरक्षित सीटों में से पार्टी ने 80 सीटों पर ऊंची जातियों, राजपूतों और ब्राह्मणों को टिकट दिया है और दो टिकट मुसलमानों को दिए गए हैं। 2018 में 74 टिकट ऊंची जातियों को दिए गए.