प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रवार को हुई दो रैलियों ने हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों में से दो मंडी और शिमला जो कांटे की टक्कर में फंसी हैं व भाजपा की हैट्रिक की राह में रोड़ा बनती जा रही हैं, में बड़ी रैलियां करके उम्मीदवारों को एक तरह से संजीवनी दे दी। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को पहले शिमला संसदीय क्षेत्र के नाहन में भाजपा उम्मीदवार सुरेश कश्यप के समर्थन में रैली की।
इसके बाद वो मंडी के ऐतिहासिक पड्डल मैदान पहुंचे व सिने तारिका कंगना रनौत जो राजनीति के मैदान में उतर कर यहां से चुनाव लड़ रही हैं के लिए वोट मांगे। इस वक्त मैदानों में ही नहीं बल्कि पहाड़ों में भी ज्येष्ठ महीने की गर्मी पड़ रही है। मौसम की इस गर्मी को नरेंद्र मोदी की इन रैलियों ने और गर्म कर दिया है।
अब जबकि प्रचार के महज छह दिन बचे हैं तो भारतीय जनता पार्टी जो प्रदेश की कुल चार सीटों में से दो शिमला व मंडी में कांग्रेस से कड़ी टक्कर में हैं, के लिए मोदी का आना बड़ी राहत माना जा रहा है। मंडी से कंगना रनौत का प्रदेश के सबसे बड़े व पुराने राजनीतिक व राज परिवार वीरभद्र प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य से मुकाबला है।
विक्रमादित्य को लेकर समूची कांग्रेस एकजुट होकर खड़ी हो गई है और भाजपा के लिए उन्होंने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। कंगना रनौत की बयानबाजी को कांग्रेस ने प्रमुख मुद्दा बना रखा है और विक्रमादित्य मंडी संसदीय क्षेत्र जो क्षेत्रफल के लिहाज से देश के सबसे बड़े क्षेत्रों में शुमार है, को लेकर एक विजन जनता के सामने रख रहे हैं जबकि कंगना रनौत नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को लेकर ही चुनावी मैदान में है।
कंगना रनौत के लिए राजनीति का नया अनुभव है मगर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उनके लिए जमकर पसीना बहा रहे हैं। भाजपा के पक्ष में इतना जरूर है कि मंडी जिले की दस में नौ सीटों पर इस समय भाजपा के विधायक हैं जबकि कुल्लू जिले की दो व एक भरमौर में भी भाजपा का विधायक है। इसके बावजूद कांग्रेस के विक्रमादित्य अपने पिता वीरभद्र सिंह के विकास कार्यों को भी चुनाव के दौरान खूब भुना रहे हैं।
उनकी सभाओं में भी खूब भीड़ उमड़ रही है। भाजपा के लिए परेशानी यह भी है इस समय 2014 या 2019 की तरह मोदी लहर नहीं है और न ही कोई मोदी फेक्टर ही ज्यादा दिख रहा है। जहां तक शिमला की बात है तो यहां पर भी सुरेश कश्यप मौजूदा सांसद हैं, दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं। शरीफ स्वभाव के माने जाते हैं मगर उन्हें एक पुराने राजनीतिक सुलतानपुरी परिवार से टक्कर मिल रही है।
कसौली से वर्तमान में विधायक विनोद सुलतानपुरी के पिता के डी सुलतानपुरी के नाम लगातार छह बार शिमला से सांसद रहने का कीर्तिमान कायम है। शिमला संसदीय क्षेत्र में प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार की सबसे ज्यादा भागीदारी है। इसमें शिमला के अलावा सोलन व सिरमौर जिले भी आते हैं। इस क्षेत्र से प्रदेश की सुक्खू सरकार में सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व है।
इससे कांग्रेस यहां पर अपने को सुखद स्थिति में मान कर चल रही है। यही कारण है कि प्रदेश की दोनों कमजोर प्रतीत हो रही सीटों मंडी व शिमला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली करवाने को प्राथमिकता दी गई है। इन रैलियों में उमड़े जनसैलाब से भाजपा गदगद दिख रही है तथा उसे यह लग रहा है बाकी के छह दिन का प्रचार भी वह इसी लय के सहारे निकाल कर 2014 व 2019 का 4-0 का स्कोर कायम रख कर हैट्रिक बनाएगी।
अभी इन संसदीय क्षेत्रों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी व कांग्रेस के बड़े नेताओं की रैलियां होनी हैं। देखना यह होगा कि नरेंद्र मोदी की रैली से जो भाजपा को संजीवनी व राहत मिली है व कांग्रेस की होने वाली रैलियों से कितनी बरकरार रहती है।