Ghazipur Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी 370 सीटें जीतने का दावा कर रही है। अपने इस टारगेट को पाने के लिए बीजेपी एक-एक सीट पर सोच विचारकर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर रही है। बुधवार को बीजेपी ने गाजीपुर लोकसभा सीट से पारसनाथ राय को अपना कैंडिडेट बनाने की घोषणा की। पारसनाथ राय एक स्कूल टीचर हैं और टिकट के ऐलान के समय भी स्कूल में बच्चों को पढ़ा रहे थे।
लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पारसनाथ राय जम्मू – कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा के करीबी माने जाते हैं। लोकल मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जिस समय बुधवार को बीजेपी की लिस्ट जारी की गई, उस समय पारसनाथ राय अपने स्कूल में स्टूडेंट्स को संस्कृत पढ़ा रहे थे।
गाजीपुर लोकसभा से प्रत्याशी के तौर पर उनके नाम के ऐलान की जानकारी बीजेपी के एक पदाधिकारी ने उन्हें फोन पर दी तो उन्हें यकीन नहीं हुआ। वह हर रोज की तरह स्कूल के घर आए और पहले से फिक्स प्रोग्राम के तहत संघ की एक मीटिंग में चले गए, जहां लोगों ने उन्हें बधाई देनी शुरू कर दी। तह जाकर उन्हें गाजीपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाए जाने का विश्वास हुआ।
कौन हैं पारसनाथ राय?
पारसनाथ राय का गाजीपुर से सिखड़ी के रहने वाले हैं। वह शुरू से संघ से जुड़े हुए हैं। उनके परिवार में दो बेटे औऱ दो बेटियां हैं। पारसनाथ राय का बड़ा बेटे आशुतोष राय साल 2014 में BJYM का प्रदेश अध्यक्ष रह चुका है और इस समय भी बीजेपी में काम कर रहा है। बीजेपी प्रत्याशी का दूसरा बेटा आशीष प्राइमरी स्कूल में टीचर है।
कैसे फाइनल हुआ पारसनाथ राय का नाम?
गाजीपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान दसवीं लिस्ट में किया। दरअसल सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बीजेपी के सर्वे में इस सीट सबसे ऊपर नाम मनोज सिन्हा का था औऱ दूसरे नंबर पर उनके बेटे अभिनव सिन्हा का। मनोज सिन्हा संवेदनशील राज्य जम्मू-कश्मीर के एलजी है, बीजेपी उन्हें वहां से हटाना नहीं चाहती। कहा जा रहा है कि मनोज सिन्हा के बेटे को टिकट न देने की वजह परिवारवाद से बचना है।
पारसनाथ राय स्वच्छ छवि के व्यक्ति हैं। संघ से भी जुड़े हुए हैं और मनोज सिन्हा के करीबी हैं, इसी वजह से बीजेपी ने माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी की सामने साफ छवि के पारसनाथ राय को मैदान में उतारा है।