दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के औद्योगिक जनपद गौतमबुद्ध नगर की लोकसभा सीट पर भाजपा ने महेश शर्मा पर फिर भरोसा जताया है। इस सीट से दो बार सांसद रह चुके महेश शर्मा केंद्रीय संस्कृति (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण और वन राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। पेशे से मिलनसार छवि के चलते महेश शर्मा पर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व में फिर से भरोसा जताते हुए पहली सूची में नाम घोषित किया है।

2008 में अस्तित्व में आई गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर पूर्व में हुए तीन में से दो चुनाव में महेश शर्मा ने जीत दर्ज की है। जबकि 2009 में हुए इस सीट पर पहले चुनाव में वे तत्कालीन बसपा प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नागर से हार गए थे। राजनैतिक दांव पेंच में परिपक्व महेश शर्मा से पूर्व में चुनाव लड़ चुके तीनों प्रमुख प्रत्याशी वर्तमान में भाजपा में हैं।

2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर 2009 में हुए चुनाव में डा महेश शर्मा को बसपा प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नागर ने शिकस्त दी थी। 2014 लोकसभा चुनाव में महेश शर्मा ने सपा प्रत्याशी नरेंद्र सिंह भाटी को हराया था। वहीं, 2019 लोकसभा चुनाव में सपा बसपा के संयुक्त प्रत्याशी सतवीर गुर्जर को महेश शर्मा ने हराया था। बता दें कि पूर्व में शर्मा के खिलाफ चुनाव लड़े सुरेंद्र सिंह नागर, नरेंद्र सिंह भाटी और सतवीर गुर्जर तीनों ही वर्तमान में भाजपा में हैं।

किसान और फ्लैट खरीदारों की समस्याओं के समाधान में रही अहम भूमिका: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में किसान आंदोलन और फ्लैट खरीदारों के मुद्दों पर उनका कई बार घेराव किया गया। हालांकि फिलहाल, दोनों समस्याओं का हल निकलता दिख रहा है। एक तरफ फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री शुरू हो गई है। वहीं, किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए उनकी मांग पर उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर दी गई है। जेवर क्षेत्र में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी महेश शर्मा की बड़ी उपलब्धियों में
शामिल है।

टिकट के लिए कई थे दावेदार

भाजपा के लिए सुरक्षित सीट मानी जाने वाली गौतमबुद्ध नगर सीट से कई उम्मीदवार कतार में थे। इसमें आइएएस बीएन सिंह का नाम प्रमुख था। भाजपा में कई शीर्ष नेताओं से उनके संपर्क थे। वह दो साल से ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा, सिकंद्राबाद आदि क्षेत्रों में अपना प्रचार कर रहे थे।

हालांकि भाजपा नोएडा महानगर अध्यक्ष की तरफ से उनकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत भी की गई थी। वहीं, भाजपा प्रवक्ता कृष्ण गोपाल अग्रवाल भी टिकट दावेदारी के लिए प्रयासरत थे। सामाजिक कार्यक्रमों समेत विभिन्न जगहों पर होर्डिंग भी उनके द्वारा लगवाए गए थे। पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर समेत कुछ अन्य नेताओं के भी नाम टिकट दावेदारों के रूप में सामने आ रहे थे।

गाजियाबाद और मेरठ सीट पर संशय बरकरार

पहली सूची में दिल्ली से सटे गाजियाबाद और मेरठ के प्रत्याशियों के नाम अभी घोषित नहीं हुए हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि गाजियाबाद से मौजूदा सांसद जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह और मेरठ से राजेंद्र अग्रवाल का टिकट कट सकता है। राजनैतिक जानकारों के मुताबिक दोनों सांसदों की जगह पार्टी किसी युवा पर दांव लगा सकती है। गाजियाबाद से कुमार विश्वास, निवर्तमान मेयर सुनीता दयाल, कैप्टन विकास गुप्ता समेत कई अन्य दावेदार टिकट की जुगत में हैं। इसी तरह मेरठ में भी भाजपा से टिकट दावेदारों की लंबी कतार हैं।