Anjishnu Das

तेलंगाना विधानसभा चुनावों से पहले भारत राष्ट्र समिति (BRS) और कांग्रेस ने किसानों के लिए मुफ्त बिजली आपूर्ति को चुनावी मुद्दे में बदल दिया है। मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) के नेतृत्व वाली बीआरएस सरकार ने लगातार तीसरी बार किसानों को 24 घंटे मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने की अपनी पहल का प्रचार कर रही है। लेकिन कांग्रेस ने बीआरएस पर झूठा दावा करने का आरोप लगाया है कि वह 24 घंटे बिजली आपूर्ति प्रदान कर रही है। 7 नवंबर को कांग्रेस राज्य प्रमुख रेवंत रेड्डी ने कहा कि अगर केसीआर यह साबित कर दें कि कृषि क्षेत्र को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति है तो वह और अन्य कांग्रेस उम्मीदवार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।

रेवंत रेड्डी ने गडवाल में एक जनसभा में कहा, “कांग्रेस सरकार ही किसानों को मुफ्त बिजली प्रदान कर सकती है, जैसा कि उसने अतीत में किया था। बीआरएस सरकार किसानों को 24 घंटे मुफ्त आपूर्ति नहीं दे सकती है।” 8 नवंबर को राज्य के बिजली मंत्री जी जगदीश ने रेवंत रेड्डी के दावों को खारिज कर दिया और सबूत के लिए कांग्रेस को बिजली लाइनों को छूने की चुनौती दे डाली। जगदीश ने कहा, “उन्हें तेलंगाना में कहीं भी बिजली लाइनों को छूने दें और जांच कर लें कि बिजली आपूर्ति है या नहीं।”

जगदीश ने कर्नाटक में बिजली आपूर्ति रिकॉर्ड को लेकर भी कांग्रेस सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “मैं उन्हें एक सेकंड के लिए बिजली लाइनों को छूने की चुनौती देता हूं। मैं कर्नाटक जाने को तैयार हूं, जहां कांग्रेस सरकार है, और उनकी बिजली लाइनों को 19 घंटे तक रोक कर रखना चाहता हूं क्योंकि मुझे पता है कि वहां बिजली की आपूर्ति नहीं है। सवाल यह है कि क्या तेलंगाना कांग्रेस के नेता तेलंगाना की किसी बिजली लाइन को छूने के इच्छुक हैं? उनके छूने के बाद मैं भी उन बिजली लाइनों को पकड़ लूंगा।”

राज्य सरकार में मंत्री और सीएम के बेटे केटीआर ने पिछले बुधवार को दावा किया कि कर्नाटक ने बिजली कटौती के कारण अंधेरे में दिवाली मनाई। उन्होंने पूछा, “आपको बिजली चाहिए या कांग्रेस? बीआरएस ने पिछले नौ वर्षों में जो विकास हासिल किया है, कांग्रेस पिछले 60 वर्षों में नहीं कर सकी।”

इस साल जुलाई में रेवंत रेड्डी ने उस समय विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने कहा कि किसानों को 24 घंटे मुफ्त बिजली की ज़रूरत नहीं है और बीआरएस सरकार 24 घंटे मुफ्त बिजली की आपूर्ति के दावों के साथ लोगों को गुमराह कर रही है। उनके अनुसार केसीआर सरकार ने कृषि क्षेत्र को केवल पांच-छह घंटे मुफ्त बिजली प्रदान की। रेवंत रेड्डी ने यह भी कहा कि गैर-कृषि समुदाय मुफ्त बिजली आपूर्ति का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने किसानों को 24 घंटे मुफ्त बिजली की आपूर्ति की व्यावहारिकता पर सवाल उठाया और सुझाव दिया कि इससे बिजली वितरण कंपनियों को घाटा होगा।

रेवंत रेड्डी ने कहा, “तेलंगाना के 95% से अधिक किसानों के पास केवल दो-तीन एकड़ जमीन है। एक एकड़ की सिंचाई में लगभग एक घंटा लगता है इसलिए किसानों को छह-सात घंटे से ज्यादा बिजली की जरूरत नहीं पड़ती। 24/7 मुफ्त बिजली की आपूर्ति टिकाऊ नहीं है और इससे मुफ्त बिजली का दुरुपयोग भी होता है। कांग्रेस किसानों को आठ घंटे मुफ्त निर्बाध बिजली देगी। पिछली कांग्रेस सरकारों ने इसे शुरू किया था और हम इसे जारी रखेंगे।”

बीआरएस ने बार-बार रेवंत रेड्डी की टिप्पणियों का इस्तेमाल यह दावा करने के लिए किया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो मुफ्त बिजली आपूर्ति कार्यक्रम को सीमित कर देगी। 13 नवंबर को एक रैली में केसीआर ने कहा, “कांग्रेस कहती है कि 24 घंटे बिजली की आपूर्ति अनावश्यक है, केसीआर धन बर्बाद कर रहा है और तीन घंटे की बिजली आपूर्ति पर्याप्त है।” हालांकि शुक्रवार को जारी अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने कहा है कि अगर वह चुनी गई तो किसानों को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति करेगी। घोषणापत्र में कहा गया है कि किसानों को 24 घंटे निर्बाध मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।

ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ तेलंगाना के अनुसार 31 अक्टूबर तक तेलंगाना की बिजली उत्पादन क्षमता प्रति दिन 19,471 मेगावाट है। आंकड़ों के अनुसार सितंबर में राज्य की अधिकतम रोजाना मांग 15,370 मेगावाट थी। संभावना है कि त्योहारी सीजन के दौरान अक्टूबर में मांग अधिक रही। जनवरी 2020 के बाद से सबसे अधिक पीक डिमांड इस साल मार्च में 15,497 मेगावाट दर्ज की गई थी।