कर्नाटक में किसकी सरकार बनेगी? इसका फैसला शनिवार (13 मई, 2023) को हो जाएगा। राज्य की 224 विधानसीटों पर आज मतगणना हो रही है। शुरुआती रुझान कांग्रेस को खुश करने वाले हैं क्योंकि इसमें उसे बढ़त मिलती नजर आ रही है। कांग्रेस बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी है। इस बार कर्नाटक चुनाव में कई ऐसी दिलचस्प सीटें रहीं, जिनमें एक ही परिवार के लोग एक-दूसरे को टक्कर देने के लिए मैदान में थे। ऐसी ही एक सोरब सीट है। इस सीट पर बंगरप्पा ब्रदर्स आमने-सामने खड़े हैं।
ये दोनों उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री दिवगंत एस बंगारप्पा के बेटे हैं। मधु बंगरप्पा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और अपने बड़े भाई एवं भाजपा उम्मीदवार कुमार बंगरप्पा से काफी आगे चल रहे हैं। सोरब सीट शिवमोग्गा जिले में आती है। हालांकि, 2018 के चुनाव में मधु अपने बड़े भाई से हार गए थे। 2018 के चुनाव में भी दोनों भाईयों ने इस सीट पर एक-दूसरे को भाजपा और कांग्रेस के टिकट पर ही टक्कर दी थी। इन चुनावों में मधु 3,286 वोटों के अंतर से हार गए थे।
2004 से ही एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते आए हैं दोनों भाई
पिछले चुनावों पर नजर डालें, तो 2004 से ही दोनों भाई एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते आए हैं। इस दौरान, दोनों भाईयों ने पार्टियां बदलीं, लेकिन हमेशा एक-दूसरे के खिलाफ ही खड़े हुए। जीत और हार का दौर भी दोनों भाईयों के बीच ही देखने को मिला है। कुमार बंगरप्पा 2018 के विधानसभा चुनाव में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। इन चुनावों में उन्होंने भाई मधु को 3,286 वोटों से हराया था। उससे पहले 2013 के चुनाव में जेडी(एस) की सीट पर मधु जीते थे, लेकिन उन्होंने 2021 में कांग्रेस का हाथ थाम लिया।
उनके पिता एस, बंगरप्पा के राजनीतिक करियर की बात करें तो वह भाजपा, कांग्रेस, जेडी(एस) समाजवादी पार्टी समेज कई राजनीतिक दलों का हिस्सा रहे हैं। वह कर्नाटक के छठे मुख्यमंत्री थे। उन्होंने 1990 से 1992 तक मुख्यमंत्री का पद संभाला। वह सांसद भी रहे। उन्होंने 1967 से 1994 तक शिवमोग्गा लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया। दोनों भाई राजनीति के अलावा, फिल्म जगत से भी जुड़े रहे हैं। दोनों ने फिल्म निर्माता और एक्टर के तौर पर भी काम किया है। वहीं, कुमार बंगरप्पा ने चार बार सोरब विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है और वह मंत्री भी रह चुके हैं।