Lok Sabha Election Results 2019 में लगे तगड़े झटके के बाद पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेता बीजेपी की ओर जाते दिख रहे हैं। चुनाव के दौरान भी कुछ सांसदों ने दल बदल लिया था। अब नतीजों के बाद इनकी तादाद बढ़ती जा रही है। मंगलवार (28 मई) को भी टीएमसी के करीब 50 से ज्यादा नेता बीजेपी के पाले में चले गए। पहले ही टीएमसी से बीजेपी में आ चुके मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु ने भी टीएमसी से इस्तीफा दे दिया। पश्चिम बंगाल में दो साल बाद विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में पंचायत और लोकसभा के बाद बीजेपी विधानसभा चुनाव में भी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के लिए चिंता का कारण बनती दिख रही है। शुभ्रांशु के अलावा बीजेपी में शामिल होने वाले विधायकों में टीएमसी के तुषारकांति भट्टाचार्जी और सीपीएम के देवेंद्र रॉय भी शामिल हैं।
ममता से दुखी नहीं, बीजेपी से प्रभावितः पश्चिम बंगाल स्थित गरिफा के वार्ड नंबर छह से तृणमूल कांग्रेस की पार्षद रूबी चटर्जी ने कहा, ‘दिल्ली में करीब 20 पार्षद और मौजूद हैं। हम ममता जी से दुखी नहीं हैं लेकिन बीजेपी की हालिया जीत ने हमें पार्टी ज्वॉइन करने के लिए प्रोत्साहित किया है। पश्चिम बंगाल में बीजेपी लोगों के लिए काम कर रही है और लोग बीजेपी को पसंद कर रहे हैं।’ इनके अलावा कंचरापारा नगर निगम से भी 16 पार्षदों ने एक साथ टीएमसी से इस्तीफा दे दिया।

विजयवर्गीय बोले- जारी रहेगा सिलसिलाः बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने बयान दिया कि अभी 50-60 पार्षद बीजेपी ज्वॉइन कर रहे हैं। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। वहीं इस मामले में अभी तृणमूल कांग्रेस की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है।
BJP leader Mukul Roy and his son & suspended TMC legislator Subhrangshu Roy at BJP headquarters in Delhi. pic.twitter.com/gmGkEhjRlO
— ANI (@ANI) May 28, 2019
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पश्चिम बंगाल में पिछले साल हुए पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का लंबा दौर देखने को मिला था। इस चुनाव में टीएमसी के ज्यादातर प्रत्याशी जीत गए लेकिन वोट शेयर के लिहाज से बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी बनने में कामयाब रही। अधिकांश सीटों पर टीएमसी के खिलाफ प्रत्याशी नामांकन ही नहीं कर पाए थे। लेकिन लोकसभा चुनाव में बीजेपी सिर्फ वोट शेयर नहीं बल्कि सीटों के लिहाज से भी ममता के लिए खतरे की घंटी बन गई। 42 लोकसभा सीटों वाले देश के तीसरे सबसे बड़े सियासी सूबे पश्चिम बंगाल में एक समय बीजेपी को प्रत्याशी ही नहीं मिल रहे थे। लेकिन उसने 18 सीटों पर जीत हासिल की।
लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद बीजेपी नेताओं की तरफ से भी राज्य में सरकार बनाने के लिए 2021 तक इंतजार की जरूरत नहीं होने जैसे बयान सामने आ चुके हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी जल्द ही पश्चिम बंगाल में भी इतिहास रच सकती है।