Election Results 2019: भारतीय जनता पार्टी ने इस बार पश्चिम बंगाल में अपने दमदार प्रदर्शन से तृणमूल कांग्रेस को कड़ी चुनौती दी है। भाजपा ने अपने पिछले प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार करते हुए इस बार 18 सीटों पर जीत हासिल की है। पार्टी की तरफ से सांसद चुने जाने वाले लोगों में तृणमूल कांग्रेस के बागी से लेकर, बिजनेसमैन, प्रोफेसर, सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट तक शामिल हैं।
अलीपुरद्वार से भाजपा के टिकट पर सांसद बने आदिवासी नेता जॉन बारला का संबंध चाय बागान से है। बारला इससे पहले भाजपा के टिकट पर ही विधायक चुने गए थे। वे गोरखालैंड के समर्थक हैं। बोंगांव से सांसद चुने गए संतानु ठाकुर मटुआ ठाकुरबाड़ी परिवार के वंशज हैं। इन्होंने यहां से टीएमसी की सांसद ममता ठाकुर को हराया है। इनकी यहां के मटुआ वोटर्स पर अच्छी पकड़ है।
बैरकपुर से सांसद बने अर्जुन सिंह भाटपारा से टीएमसी के पूर्व विधायक रह चुके हैं। इन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले ही टीएमसी की तरफ से टिकट नहीं मिलने पर भाजपा का दामन थामा था। सौमित्र खान बिशुनपुर से सांसद निर्वाचित हुए है। खान ने टीएमसी के सांसद रह चुके हैं।
इस साल के शुरू में ही भाजपा जॉइन की थी। साल 2014 में जब ये टीएमसी में शामिल हुए थे तो उस समय कांग्रेस विधायक थे। दार्जिलिंग से सांसद बने राजू बिस्ता मूल रूप से मणिपुर से हैं। भाजपा में शामिल होने से पहले राजू कॉर्पोरेट एग्जीक्यूटिव थे। भाजपा ने इन्हें निवर्तमान सांसद एसएस अहलूवालिया के स्थान पर उतारा था।
दूसरी तरफ कूच बिहार से सांसद चुने गए निशिथ प्रमाणिक स्थानी व्यवसायी हैं। यह पूर्व में टीएमसी के पदाधिकारी रह चुके हैं। निशिथ की पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण टीएमसी से निकाला गया था। इन पर 11 आपराधिक मामले चल रहे हैं। बालूरघाट से सांसद बने सुक्रांता मजूमदार गौर बंगा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर है और आरएसएस के पुराने कार्यकर्ता हैं।
मजूमदार ने टीएमसी के निवर्तमान सांसद अर्पिता घोष को हराया। हुगली से सांसद बनी लॉकेट चटर्जी टेलीविजन कलाकार रह चुकी हैं। बांकुरा से सांसद चुने गए डॉ. सुभाष सरकार स्थानीय डॉक्टर हैं। इन्होंने तृणमूल के वरिष्ठ नेता सुब्रत मुखर्जी को हराया है। झारग्राम से भाजपा के टिकट पर जीते कुनार हेमब्रम आईआईटी से इंजीनियरिंग कर चुके हैं। इन्हें स्थानीय बोली अलोचिकी भाषा में सॉफ्टवेयर बनाने का श्रेय जाता है।