Election Results 2019: करीब 2 महीने पहले तक देश की राजधानी दिल्ली में 2 राजनीतिक दलों आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर बार-बार बातचीत होती रही। वहीं, इनकी खबरें लगातार सुर्खियां बनती रहीं। हालांकि, गुरुवार (23 मई) को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि यह गठबंधन भी इन दोनों दलों के किसी काम नहीं आता। बीजेपी ने दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर कुल 56.56% वोट शेयर हासिल किया, जबकि पार्टी के हर प्रत्याशी को करीब 53 प्रतिशत वोट मिले।
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बीजेपी ने सातों सीटों पर किया कब्जा: दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया है। हालांकि, नतीजों ने आम आदमी पार्टी चिंता बढ़ा दी है। इस मामले में आप तीसरे नंबर पर पहुंच गई है। पार्टी का वोट शेयर 18.1 प्रतिशत रह गया। वहीं, कांग्रेस का वोट प्रतिशत 22.5 प्रतिशत रहा। बता दें कि आम आदमी पार्टी के गठन के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब वह वोट शेयर के मामले में कांग्रेस से पिछड़ गई है। 2014 के लोकसभा, दिल्ली विधानसभा और निगम चुनाव में AAP ने कांग्रेस से ज्यादा वोट शेयर हासिल किया है। दिल्ली की सात सीटों में 5 पर वोट शेयर के मामले में कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही, जबकि आप आदमी पार्टी ने साउथ दिल्ली और नॉर्थ वेस्ट दिल्ली में वोट शेयर में दूसरा नंबर बरकरार रखा।
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आप के 3 प्रत्याशियों की जमानत जब्त: लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों में दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 3 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। इनमें चांदनी चौक से पंकज गुप्ता, नई दिल्ली से बृजेश गोयल और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से दिलीप पांडे शामिल हैं। इन तीनों प्रत्याशियों का वोट शेयर 16.6% से भी कम रहा।
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2014 में ऐसा था समीकरण: आप आदमी पार्टी ने 2013 में पहली बार दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ा था और 29 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था। वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर महज 25 प्रतिशत था। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 46.63 प्रतिशत वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी को 33.07 प्रतिशत और कांग्रेस को 15.22 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे।
आम आदमी पार्टी ने मानी मोदी लहर: दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी के सदस्य मनीष सिसौदिया ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह राष्ट्रीय चुनाव हैं और इसमें वोटर्स की राय एकदम स्पष्ट होती है। कांग्रेस ने काफी ज्यादा कन्फ्यूजन बढ़ा दिया। हम इसे मोदी लहर कह सकते हैं।
बीजेपी ने बताई विरोधी दलों की खामी: दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘‘बीजेपी द्वारा किया गया काम ही दूसरी राजनीतिक पार्टियों के लिए स्पष्ट संदेश था। हमने डोर-टू-डोर अभियान चलाया। बूथ लेवल मैनेजमेंट किया और इसके अलावा हमारे साथ पीएम मोदी का नाम था। हमारा अभियान पूरी तरह स्पष्ट था। वहीं, किसी भी तरह की अंदरूनी कलह नहीं थी। हमने जमीन पर उतरकर चुनाव लड़ा। लोगों तक पीएम मोदी का संदेश पहुंचाया। लोगों ने देखा कि संवेदनशील मुद्दों पर हम किस तरह फैसले लेते हैं। दूसरे दलों का अभियान सिर्फ मोदी का विरोध करना था।’’
इस तरह घटा AAP का कद: 2012 में अस्तित्व में आई आम आदमी पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर घटाकर 9.7 प्रतिशत पहुंचा दिया था। उस दौरान AAP ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 67 पर जीत दर्ज की थी। बीजेपी के खाते में 3 सीटें आई थीं, जबकि कांग्रेस की झोली खाली रही थी। इसके बाद हुए हर चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की, जबकि आम आदमी पार्टी का वोट शेयर गिरता चला गया।