Election Results 2019: लोकसभा चुनाव के दौरान गुजरात में बिलकुल ब्रैंड न्यू ईवीएम और वीपीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया गया था। इसके बावजूद, 23 मई को 351 वीवीपैट मशीनों के पेपर स्लिपों की गिनती मैनुअली करनी पड़ी क्योंकि ‘तकनीकी कारणों’ की वजह से इन ईवीएम के कंट्रोल यूनिट (CUs) डिस्प्ले पर नतीजे दिखाने में नाकाम रहे। 26 सीटों पर हुए लोकसभा चुनाव के बाद हुई मतगणना में पोलिंग बूथों पर कुल 1305 वीवीपैट मशीनों की गिनती मैनुअली करनी पड़ी। कंट्रोल यूनिट की खराबी की वजह से 351 वीवीपैट मशीनों के अलावा, 29 उन वीवीपैट मशीनों की गिनती भी मैनुअली करनी पड़ी, जहां चुनाव अधिकारी मॉक पोलिंग के डेटा को मशीन से डिलीट करना भूल गए थे। बाकी 929 वीवीपैट मशीनों की गिनती चुनाव आयोग के उस नियम के तहत हुई, जिसके मुताबिक, हर संसदीय क्षेत्र के पांच पोलिंग बूथों के वीवीपैट स्लिप्स की गिनती मैनुअली करके ईवीएम के नतीजों से क्रॉस चेक किया जाना था।
पोरबंदर और पंचमहल सीट पर 23 वीवीपैट मशीनों के स्लिपों की गिनती हुई। वहीं, बनासकांठा में 18 जबकि, जूनागढ़, वडोदरा और सूरत में 18-18 वीवीपैट मशीनों की पचिर्यों की गिनती करनी पड़ी।
नए होने के बावजूद गुजरात में बड़े पैमाने पर मशीनों की खराबी के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने कहा, ‘हमने दिल्ली में इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया के पास अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है।’ काउंटिंग वाले दिन डिस्पले पर नतीजे दिखाने में नाकाम रहे कंट्रोल यूनिट्स को छोड़ दें तो 23 अप्रैल को मतदान वाले दिन भी कम से कम 1533 वीवीपैट मशीनों और 800 ईवीएम में खामियां सामने आईं। इन मशीनों को बदलना पड़ा। द इंडियन एक्सप्रेस ने पहले ही यह जानकारी दी थी कि मतदान से पहले फरवरी में हुई जांच में खामियों की वजह से कुल 3,565 EVMs और 2,594 VVPAT मशीनों को रिजेक्ट किया गया था।